BREAKING NEWS

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शिक्षक भर्ती की तैयारी शुरू ***चुनावी गणित में भावी शिक्षकों पर भी डोरे *** :----

Wednesday, 29 February 2012

प्रभा का अरेस्ट स्टे खारिज कराने की तैयारी

कानपुर। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) से जुड़े घोटाले की जांच में जुटी रमाबाई नगर पुलिस और माध्यमिक शिक्षा सचिव प्रभा त्रिपाठी के बीच जंग छिड़ गई है। प्रभा त्रिपाठी के अरेस्ट स्टे लेने के बाद अब विवेचक ने उन पर जांच में सहयोग न करने का आरोप लगाया है। विवेचक ने इस बाबत माध्यमिक शिक्षा निदेशक को पत्र सौंपकर जांच में सहयोग के लिए मातहतों को उचित दिशा-निर्देश देने के लिए कहा है। सोमवार को विवेचक प्रभा त्रिपाठी से पूछताछ के लिए इलाहाबाद गए लेकिन वह नहीं मिलीं। सूत्रों की मानें तो पुलिस ने अब उनका अरेस्ट स्टे खारिज कराने के लिए भी कागजी कार्रवाई शुरू कर दी है।
टीईटी घोटाले की जांच कर रही अकबरपुर (रमाबाई नगर) कोतवाली पुलिस ने जांच तेज कर दी है। थाना प्रभारी दिनेश त्रिपाठी टीम के साथ सचिव प्रभा त्रिपाठी से पूछताछ करने सोमवार को इलाहाबाद में माध्यमिक शिक्षा निदेशालय और सचिव के आफिस गए। वहां अफसरों ने बताया कि प्रभा त्रिपाठी को अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा कार्यालय से संबद्ध किया गया है। पुलिस टीम वहां भी गई लेकिन पता चला कि प्रभा त्रिपाठी ने वहां ज्वाइन नहीं किया है। थाना प्रभारी का कहना है कि प्रभा त्रिपाठी जांच में सहयोग नहीं कर रही हैं। वह न तो बयान दे रही है और न ही टीईटी घोटाले से जुड़े दस्तावेज उपलब्ध करा रही हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीपी त्रिपाठी ने अपने स्तर से दस्तावेज तलाश कराए लेकिन सफलता नहीं मिली। उन्होंने पुलिस को बताया कि पूर्व निदेशक संजय मोहन ने टीईटी से संबंधित कागजात अपने एक व्यक्तिगत सहायक को दिए थे। अब यह सहायक कौन है, इसका पुलिस पता लगा रही है। थाना प्रभारी ने बताया कि उन्होंने प्रभा त्रिपाठी की जांच में सहयोग न करने की शिकायत निदेशक सीपी त्रिपाठी से की है। बकौल थानाप्रभारी अगर प्रभा त्रिपाठी ने जांच में मदद नहीं की तो वे कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल कर अरेस्ट स्टे खारिज करने की अपील करेंगे। इसलिए माध्यमिक शिक्षा विभाग के अफसरों से लगातार पत्र व्यवहार किया जा रहा है। इन पत्रों को स्टे खारिज कराने का आधार बनाया जाएगा।

Source- Amar Ujala

टीईटी फार्म की बिक्री के 62 करोड़ का गोलमाल



TET form the sale of 62 million breakup
शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के आयोजन की धांधली का आयाम बढ़ता ही जा रहा है। टीईटी के फार्मों की बिक्री से आई 62 करोड़ की रकम को अफसरों ने मिलीभगत कर सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद के खाते में न रखकर राजधानी लखनऊ में एक बैंक में निदेशक व सचिव माध्यमिक शिक्षा के नाम से खोले गए संयुक्त खाते में रखा।

पुलिस गिरफ्तार संजय मोहन से इस खाते का नंबर और पता पूछकर हार चुकी है, लेकिन वह कुछ बता नहीं रहे हैं। इसीलिए पूर्व माध्यमिक शिक्षा परिषद की सचिव प्रभा त्रिपाठी को तलाश कर पूछताछ की तैयारी है। जानकारी के अनुसार टीईटी में 11 लाख 53 हजार, 155 परीक्षार्थी बैठे थे। पुलिस पता लगा रही है कि फार्म की बिक्री के लिए पंजाब नेशनल बैंक को ही क्यों चुना गया।

रमाबाई नगर की पुलिस ने माध्यमिक शिक्षा परिषद के पूर्व निदेशक संजय मोहन से टीईटी फार्म की बिक्री और उससे आए रुपये के बारे में जानकारी मांगी थी। सूत्रों के अनुसार आला अफसर इस धांधली का खुलासा शासन स्तर पर करना चाहते हैं। औपचारिक तौर पर रमाबाईनगर की पुलिस कुछ भी बताने से कतरा रही है।

गौरतलब है कि संजय मोहन जैसे अफसर की गिरफ्तारी करने के बाद पुलिस ने ही टीईटी में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का खुलासा किया था। बताते हैं कि यूपी बोर्ड की पूर्व सचिव प्रभा त्रिपाठी को इसकी जानकारी है, इसीलिए वह पुलिस पूछताछ से बचना चाहती हैं। इस संबंध में सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार का पक्ष जानने के लिए फोन किया गया, तो वह बचते रहे।

गौरतलब है कि बेसिक शिक्षा परिषद की कक्षा आठ तक के स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए टीईटी अनिवार्य किया गया है। टीईटी कराने की जिम्मेदारी माध्यमिक शिक्षा परिषद को दी गई थी। टीईटी फार्म की बिक्री पंजाब नेशनल बैंक से की गई। सामान्य और पिछड़ा वर्ग के लिए फार्म 500, अनुसूचित जाति, जनजाति के लिए 250 रुपये और विकलांगों के लिए निशुल्क था।

पुलिस सिर्फ मुकदमे में दर्ज तथ्यों की जानकारी कर रही है। पुलिस मामले की विवेचना कर रही है जांच नहीं। टीईटी फार्मों की बिक्री की रकम के बारे में मैं कुछ नहीं बता सकता।’
- सुभाष दुबे, एसएसपी रमाबाईनगर 

Source- Amar Ujala








 0  0 0 print

टीईटी में किरकिरी के बाद बोर्ड परीक्षा को लेकर सतर्क

मेरठ: उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा(टीईटी) में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की खूब किरकिरी हुई है। ऐसे में बोर्ड परीक्षा सही से हो। परिषद के लिए चुनौती है। परिषद परीक्षा में कहीं से कोई उंगली न उठे, इसे लेकर बोर्ड इस बार अतिरिक्त सावधानी बरतने लगा है।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक के टीईटी घोटाले में गिरफ्तार होने और बोर्ड सचिव प्रभा त्रिपाठी के हटने के बाद बोर्ड में अभी अफरातफरी का माहौल है। हालांकि इस समय बोर्ड परीक्षा करना परिषद के सामने बड़ी समस्या है। परीक्षा बिलकुल करीब है, लेकिन अभी तक कोई प्रक्रिया शुरू नहीं हो पायी है। बोर्ड परीक्षा को लेकर इस बार परिषद स्तर पर बहुत अधिक सतर्कता बरती जा रही है। वर्ष 2012 की परीक्षाओं में हर परीक्षा में दो कक्ष निरीक्षकों की व्यवस्था सख्ती लागू की जा रही है। बोर्ड परीक्षाओं में राजकीय स्कूलों या अशासकीय मान्यता प्राप्त स्कूलों के शिक्षक परीक्षा ड्यूटी से आनाकानी करेंगे, या सौंपे गए काम को नहीं करेंगे उनका वेतन काट लिया जाएगा। परीक्षा के समय परीक्षा व्यवस्था से जुड़े व्यक्तियों के अलावा किसी भी बाहरी व्यक्ति को केंद्र में प्रवेश और फोटोग्राफी नहीं करने दिया जाएगा। परीक्षा कक्ष में निरीक्षण दल, सचल दल के सदस्य और पर्यवेक्षक ही प्रवेश करेंगे। इसके अलावा संवेदनशील सेंटरों पर कड़ी निगरानी की जाएगी।
----------------------
दसवीं में ग्रेड के साथ अंक भी
मेरठ: यूपी बोर्ड दसवीं में भले ही ग्रेडिंग सिस्टम लागू कर दिया गया है, लेकिन इस साल भी दसवीं की मार्कशीट से नंबर नहीं हटाए जाएंगे, ग्रेड के साथ परीक्षार्थी का विषयवार नंबर भी चढ़ा रहेगा।
सीबीएसई की तर्ज पर यूपी बोर्ड ने भी दसवीं में सीसीई(सतत समग्र मूल्यांकन) शुरू किया है। इसमें दसवीं में कौन किस श्रेणी में पास हुआ है। इसे खत्म कर दिया गया है। इसके बावजूद पिछले साल(वर्ष 2011)में जब रिजल्ट निकला तो अधिकांश स्कूलों ने अपने स्तर पर नंबर जोड़कर टॉपर घोषित किया। स्कूल दसवीं में इसलिए टॉपर घोषित कर पाए क्योंकि मार्कशीट में ग्रेड के साथ विषयवार अंक भी दिए गए थे। ऐसे में इस साल भी स्कूल दसवीं में अपने अपने टॉपर घोषित करने में जुटे रहेंगे। क्योंकि बोर्ड की दसवीं की मार्कशीट में इस बार भी ग्रेड के साथ अंक दर्ज रहेगा। इसके पीछे बोर्ड अधिकारियों का तर्क है कि अधिकांश बच्चे और अभिभावक अभी ग्रेड को समझ नहंी पा रहे हैं, धीरे धीरे वे इसे समझ लेंगे तो अंक खत्म कर पूरी तरह से ग्रेड अंकित किया जाएगा।
Source- Jagran
 

Tuesday, 28 February 2012

टीईटी : प्रमाणपत्रों के वितरण से उपजे सवाल?

सहारनपुर : टीईटी के प्रमाण-पत्रों के वितरण की व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा आवेदन पत्रों के साथ इंटरनेट मार्कशीट लगवाई गई थी। जनवरी के दूसरे पखवाड़े में प्रमाणपत्रों के वितरण से अभ्यर्थियों को भी खासी हैरानगी हुई थी। घोटाले में निदेशक माध्यमिक शिक्षा समेत कई लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। जांच के घेरे में अभी कई और लोगों के आने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।
प्रदेश में प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा 13 नवंबर को टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) परीक्षा कराई गई थी। हालांकि विभिन्न कारणों से रिजल्ट को कई बार संशोधित किया गया। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में आवेदन पत्र भेजने की अंतिम तिथि नौ जनवरी निर्धारित थी। विभाग द्वारा आवेदन पत्र के साथ इंटरनेट मार्कशीट को स्वीकार किया गया।
यकायक प्रमाण-पत्रों का वितरण
माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा जनवरी के दूसरे पखवाड़े में एकाएक टीईटी के प्रमाणपत्रों के वितरण का कार्यक्रम घोषित किया गया। संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालयों से प्रमाणपत्रों का वितरण कराया गया। निर्देश थे कि अभ्यर्थी स्वयं मूल प्रवेश पत्र के साथ कार्यालय पर उपस्थित होकर प्रमाणपत्र प्राप्त करें। प्रमाणपत्र लेने के लिए कार्यालय पर अभ्यर्थियों का भारी सैलाब उमड़ा। यहां से प्राथमिक व उच्च प्राथमिक परीक्षा के 20 हजार से अधिक प्रमाणपत्र वितरित किए गए।
गिरफ्तारी से आशंका
टीईटी घोटाले में माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन की गिरफ्तारी ने प्रक्रिया की शुचिता पर प्रश्नचिन्ह् लगा दिया है। मामले में अभी तक आधा दर्जन अन्य व्यक्तियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। जांच में अभी कुछ और लोगों के घेरे में आने की आशंका से इंकार नही किया जा सकता।
घोटाले के बाद उठे सवाल
टीईटी में हुए घोटाले के बाद अभ्यर्थियों को कई सवाल कचोट रहे है। मसलन जब नौ जनवरी तक आवेदन पत्र भेजने की अंतिम तिथि थी ऐसे में प्रमाणपत्रों के वितरण के आदेश एक सप्ताह बाद ही क्यों जारी किए गए? प्रमाणपत्र नौ जनवरी से पहले भी अभ्यर्थियों को दिए जा सकते थे। यकायक प्रमाणपत्र दिए जाने के पीछे कहीं पहले से ही प्रक्रिया में घालमेल की बू तो नहीं आ गई थी? बताते चलें कि घोटाले में निदेशक माध्यमिक शिक्षा संजय मोहन की गिरफ्तारी आठ फरवरी को हुई थी।
Source- Jagran

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई टीईटी परीक्षा

गवां (भीम नगर) : प्रदेश की टीईटी परीक्षा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़, गई जिसका दुर आभाव सबसे अधिक उन बीएड आशिक्षित बेरोजगारों पर पउ़ा जो या तो उम्रदराज हो चुके हैं या निर्धारित आयु सीमा पार कर जाने की दहलीज पर है। जो अभ्यर्थी अपनी योग्यता के बल पर अध्यापक बन जाने का सपना संजोये थे उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। टीईटी में हुए आदेश स्तरीय भ्रष्टाचार ने यह विचार व्यक्त किये। बीएड बेरोजगार कल्याण परिषद के जिला संयोजक अनुज कुमार ंिसह ने। नगर के ग्रीश चौक में स्थानीय तथा आस-पास क्षेत्र के बीएड बेरोजगारों की मीटिंग हुई जिसमें अन्तोगत्वा न्याय पाने के लिए उच्चतम न्यायालय की शरण में जाने का निर्णय लिया गया। मीटिंग में मुकेश कुमार दग्गल, ज्योति अग्रवाल, संजय शर्मा, फिरोज खान, अनुज शर्मा, मनोज शर्मा आदि उपस्थित रहे।
Source- Jagran

Monday, 27 February 2012

प्रभा त्रिपाठी ने सौंपी स्ट्रांग रूम की चाभी, घर छोड़ा

इलाहाबाद। टीईटी घोटाले में संजय मोहन की गिरफ्तारी के बाद से ही गायब पूर्व सचिव प्रभा त्रिपाठी रविवार शाम अचानक बोर्ड दफ्तर पहुंच गईं। परीक्षा कार्य पिछड़ने के कारण रविवार अवकाश होने के बाद भी बड़ी संख्या में कर्मचारी बोर्ड दफ्तर में मौजूद थे। पूर्व सचिव को देख कर्मचारियों ने उनसे बातचीत की कोशिश की लेकिन प्रभा त्रिपाठी सीधे सचिव कक्ष में पहुंचीं और वासुदेव यादव को स्ट्रांग रूम की चाभी, गोपनीय फाइलें सौंपकर चली गईं। रविवार को ही उन्होंने महात्मा गांधी मार्ग स्थित सचिव का सरकारी आवास भी खाली कर दिया।
आठ फरवरी को पूर्व निदेशक की गिरफ्तारी के बाद से वह कहां थीं, टीईटी मामले में आठ को लखनऊ में पुलिस ने उनसे क्या पूछा, किस भय से वह गायब थीं, ऐसे तमाम सवाल हैं जिनके बारे में जानने को बोर्ड दफ्तर के अधिकारी और कर्मचारी उत्सुक हैं लेकिन प्रभा त्रिपाठी ने किसी से बात नहीं की। बोर्ड दफ्तर में परीक्षा से जुड़े ऐसे कई कार्य होते हैं जिसकी जानकारी सचिव को ही होती है। स्ट्रांग रूम और गोपनीय फाइलों की आलमारी की चाभी, कापी और पेपर कोडिंग की फाइलें प्रभा त्रिपाठी के पास थीं। गिरफ्तारी से भय से गायब प्रभा त्रिपाठी को कोर्ट से राहत मिली तो रविवार को वह सामने आ गईं और सारी चाभियां, कागजात सौंप दिए। बिना सूचना के गायब रहने और बोर्ड परीक्षा सामने होने के बाद भी किसी से संपर्क न करने को अनुशासनहीनता मान शासन ने प्रभा त्रिपाठी के खिलाफ कार्रवाई की और उन्हें मुख्यालय से संबद्ध कर दिया। रविवार तक उन्हें चार्ज नहीं लिया लेकिन बोर्ड सचिव के रूप में एलॉट भवन खाली कर दिया। सचिव वासुदेव यादव ने स्वीकार किया कि प्रभा त्रिपाठी ने उन्हें सारे गोपनीय दस्तावेज और चाभियां सौंप दी हैं।
Amar Ujala
27-2-2012

रेलवे भर्तियों में नेत्रहीनों को मिलेगी तवज्जो

इलाहाबाद। बी एलवी और एलवी श्रेणी के नेत्रहीनों को अब रेलवे में नौकरी के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। रिक्त होने वाले पदों पर एक फीसदी तैनाती ब्लाइंड की होगी। नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ दि ब्लाइंड की शिकायत पर रेलवे बोर्ड ने सख्त कदम उठाने का फैसला किया है। बोर्ड ने एनसीआर समेत सभी जोनों को चिट्ठी लिखकर प्राथमिकता के आधार पर भर्ती करने को कहा है। जल्द ही पूरे मामले की समीक्षा कर स्थिति का आकलन किया जाएगा।
कन्फेडरेशन के अध्यक्ष रूंगटा ने इस मामले में रेलवे बोर्ड अध्यक्ष से मुलाकात की थी। उन्होंने रेलवे में नेत्रहीनों के लिए निर्धारित कोटे पर भर्ती न करने के आरोप भी लगाए। सीआरबी की लिखापढ़ी होने पर रेलवे बोर्ड में हड़कंप मचा। सो, बोर्ड ने सभी जोनों को चिट्ठी भेजकर कहा कि जल्द इस पर अमल किया जाए। रूंगटा ने शिकायत की कि रेलवे में नेत्रहीनों के लिए एक फीसदी आरक्षण तय है। फिर भी, भर्ती में अड़ंगा लगाया जा रहा है। सो, बोर्ड ने आदेश के साथ ही नेत्रहीनों के लिए आरक्षित सीटों पर भर्ती में तेजी लाने का फैसला किया है। रेलवे बोर्ड के अधिशासी निदेशक (स्थापना) आर. मुकुंदन ने मुख्य कार्मिक अधिकारियों को इस पर अमल के लिए कहा है। रेलवे ने नेत्रहीनों के लिए ग्रुप सी और डी में करीब 50 श्रेणियों के पद चिह्नि किए हैं। इसमें एकाउंट विभाग से हेड क्लर्क, सेक्शन इंचार्ज, हेड असिस्टेंट, सुपरवाइजर (क्लर्क), स्टेटिकल असिस्टेंट, आफिस असिस्टेंट, सीनियर क्लर्क, टाइपिस्ट, स्टेनोग्राफर आदि पद हैं। ग्रुप डी के ग्रेड-पे 1800 के तहत आने वाले पद दो दर्जन से ज्यादा पद भी आरक्षित हैं। बोर्ड की तेजी से उम्मीद बढ़ी है कि नेत्रहीनों की नौकरी के रास्ते खुल जाएंगे।
Amar Ujala
27-2-2012

इंटरव्यू लेटर जारी करने वाले बाबू को नोटिस

इलाहाबाद। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने टीजीटी सामाजिक विज्ञान के चयन परिणाम में हुए फर्जीवाड़े की जांच शुरू कर दी है। सचिव शेषमणि पांडेय ने सामाजिक विज्ञान लिखित परीक्षा के मूल परिणाम से इतर अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में शामिल होने के लिए पत्र जारी करने वाले कर्मचारी से जवाब मांगा है। उससे पूछा गया है कि तैयार परिणाम से भिन्न अभ्यर्थियों को इंटरव्यू लेटर किसके आदेश पर जारी किया गया। चयन बोर्ड के कई सदस्यों का दावा है कि इस मामले में लिखित परीक्षा परिणाम के बाद कोई पुनर्मूल्यांकन नहीं किया गया।
चयन बोर्ड की ओर से टीजीटी सामाजिक विज्ञान का परिणाम 17 फरवरी को जारी किया गया था। परिणाम की घोषणा के बाद ‘अमर उजाला’ ने टीजीटी सामाजिक विज्ञान के चयन परिणाम में फर्जीवाड़े को उजागर किया। दरअसल अंतिम परिणाम में ऐसे कई अभ्यर्थियों को सफल घोषित कर दिया गया जो मुख्य परीक्षा में फेल थे। खबर प्रकाशित होने के बाद अध्यक्ष ने दावा किया कि लिखित परीक्षा परिणाम के बाद उसका पुनर्मूल्यांकन कराया गया लेकिन सदस्यों ने इससे साफ इंकार किया। सलाह के बाद अध्यक्ष ने इस मामले में जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया। जांच के क्रम में ही चयन बोर्ड के सचिव ने मूल परिणाम से बाहर के अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में शामिल होने के लिए पत्र जारी करने के बारे में जवाब मांगा है।
Amar Ujala
27-2-2012

तीन सौ से ज्यादा पंजीकरण निरस्त

इलाहाबाद। क्षेत्रीय सेवा योजन कार्यालय में सिर्फ तीन दिनों के अंदर तीन सौ से ज्यादा पंजीकरण निरस्त कर दिए गए हैं। आने वाले दिनों में यह संख्या एक हजार तक पहुंच सकती है। उधर शनिवार को भी सेवा योजन कार्यालय में दिन भर बेरोजगारों का हुजूम उमड़ा रहा। धक्कामुक्की के बीच आज दो हजार से ज्यादा बेरोजगारों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया।
सेवा योजन कार्यालय में इस बार बाहरी जिलों के सैकड़ों बेरोजगार युवाओं ने अपना पंजीकरण करा लिया। विभागीय अफसरों का कहना है कि जो बेरोजगार जिस जिले का है उसका रजिस्ट्रेशन उसी जिले में होना चाहिए। फिलहाल पिछले तीन दिनों से बाहरी जिलों के बेरोजगारों द्वारा कराये गए पंजीकरण की छंटनी शुरू हो गई है। क्षेत्रीय सेवायोजन अधिकारी मनोज कुमार सिंह के मुताबिक अब तक तीन सौ से ज्यादा पंजीकरण निरस्त किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि ढेरों ऐसे आवेदक भी है जिन्होंने हाईस्कूल, इंटर एवं स्नातक का अलग-अलग पंजीकरण रोजगार कार्यालय में करवा लिया है। ऐसे पंजीकरण की भी छंटनी की जाएगी। एक ही अभ्यर्थी के अगर एक से ज्यादा पंजीकरण पाए गए तो उनका सिर्फ एक ही रजिस्ट्रेशन मान्य होगा। शेष पंजीकरण निरस्त कर दिए जाएंगे। शनिवार को भी दिनभर रोजगार दफ्तर पर अफरा तफरी मची रही। लाइन में लगने को लेकर कई बार अभ्यर्थी आपस में ही भिड़ गए। उन्हें नियंत्रित करने के लिए पुलिस को सख्ती भी करनी पड़ी। दिन भर में आज तकरीबन 900 महिला एवं 1150 पुरुष अभ्यर्थियों ने अपना पंजीकरण करवाया। उधर ऑन लाइन आवेदन करने वाले आवेदकों की भी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अब तक 4700 अभ्यर्थी ऑन लाइन आवेदन कर चुके हैं। लॉग इन करने के बाद आज डाक्यूमेंट वेरीफिकेशन कराने वालों की भी लंबी लाइन लगी रही। इसके लिए रोजगार कार्यालय में अलग से काउंटर खोला गया।
Amar Ujala
26-2-2012

Sunday, 26 February 2012

टीजीटी-पीजीटी की परीक्षाएं मई में

इलाहाबाद (एसएनबी)। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी) की परीक्षाएं मई में होंगी। इनकी तिथियों की घोषणा अगले हफ्ते कर दी जाएगी। चयन बोर्ड के इतिहास में यह पहली बार हो रहा है कि एक माह में दो बड़ी परीक्षाएं होने जा रही हैं। इसमें करीब दो हजार पदों के लिए लगभगछह लाख अभ्यर्थी शामिल होंगे। इसकी तैयारियां माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में शुरू हो गयी हैं। बोर्ड के अध्यक्ष डा.आर.पी.वर्मा का कहना है कि अगले हफ्ते टीजीटी-पीजीटी परीक्षाओं की तिथियां घोषित कर दी जाएंगी दोनों परीक्षाएं मई में ही होंगी जिससे कि इण्टरव्यू शीघ्र करके रिक्त पदों को भरा जा सके। उन्होंने बताया कि अभी टीजीटी-पीजीटी के रिक्त पदों की संख्या बढ़ेगी क्योंकि प्रदेश के सभी डीआईओएस से जून 2012 तक रिक्त होनेवाले टीजीटी- पीजीटी के पदों की संख्या मांगी गयी है। रिक्त पदों के लिए चयन बोर्ड में करीब छह लाख आवेदनपत्र आये है। 29 फरवरी तक सभी आवेदनपत्रों की छंटाई हो जायेगी और 10 मार्च तक आवेदन पत्रों की स्क्रैनिंग हो जायेगी। इसके बाद से अभ्यर्थियों का मण्डलवार आवेदन पत्र तैयार होना शुरू हो जायेगा क्योंकि इसी बीच परीक्षा केन्द्रों का निर्धारण भी हो जायेगा जो अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र पर दर्जकर काल लेटर परीक्षा के लिए करीब दो हजार पदों के लिए आये छह लाख आवेदन पत्र तिथियों की घोषणा अगले हफ्तेअभ्यर्थियों को भेजा जाने लगेगा। चयन बोर्ड के अध्यक्ष डा.वर्मा ने बताया कि इस बार टीजीटी-पीजीटी की परीक्षा में पारदर्शिता के लिए व्यापक स्तर पर सुधार किया गया है। प्रत्येक ओएमआर शीट के नीचे तीन कार्बन कापी लगेगी। एक कार्बन कापी अभ्यर्थी को, दूसरी चयन बोर्ड और तीसरी प्रति शासन को भेजी जायेगी जिससे कि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न होने पाये। उन्होंने बताया कि परीक्षा के 24 घण्टे के अंदर टीजीटी-पीजीटी परीक्षा का रिजल्ट वेबसाइट पर रहेगा। इससे अभ्यर्थी अपने उत्तर की कार्बन कापी से मिला सकते हैं। अगर किसी रिजल्ट में किसी भी प्रकार की दिक्कत होगी तो उसे हल किया जाएगा।
Source- Blog visiter

पूर्व निदेशक संजय मोहन समेत दस पर गैंगस्टर

रमाबाईनगर, 25 फरवरी (जासं) : शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में वसूली के आरोप में पकड़े गए पूर्व माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन समेत दस लोगों के खिलाफ अकबरपुर कोतवाली में शनिवार को गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज किया है। एसपी की रिपोर्ट पर डीएम के अनुमोदन के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर शिवली कोतवाल को प्रकरण की जांच सौंपी है। सीओ सुभाष शाक्य ने बताया कि मामले में एक दर्जन लोग अब तक गिरफ्तार किए जा चुके हैं। पूर्व निदेशक संजय मोहन, नरेंद्र प्रताप सिंह, रमाशंकर मिश्र, विनय सिंह, रतन कुमार, अमरेंद्र कुमार, मनीष चतुर्वेदी, माधव सिंह, हेमंत कुमार व योगेश कुमार के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की गई है।
जमानत पर सुनवाई टली : संजय मोहन की जमानत पर शनिवार को सुनवाई नहीं हो सकी। अभियोजन की ओर से दस्तावेज न होने की दलील देकर समय मांग लिया गया। रमाबाईनगर के जिला जज अली जामिन की अदालत में शनिवार को संजय मोहन की जमानत पर सुनवाई होनी थी। इसी दौरान डीजीसी क्रिमिनल शंभूनाथ यादव ने अदालत में प्रार्थना पत्र दिया। उन्होंने दलील दी कि इस मामले से जुड़ी एक याचिका की सुनवाई 24 फरवरी को उच्च न्यायालय में होनी थी लिहाजा मामले से जुड़े दस्तावेज और केस डायरी वहां भेजी गयी है। उन्होंने दस्तावेज आने तक के लिए समय की मांग की। अदालत ने मांग स्वीकार करते हुए सुनवाई के लिए एक मार्च की तारीख तय की है।
Source- jagran
25-2-2012
white
white

शिक्षा निदेशक संजय मोहन समेत दस लोगों के खिलाफ गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज



Saturday, 25 February 2012

टीईटी इस बार जुलाई में

                         टीईटी इस बार जुलाई में 
Source- Amar Ujala
25-2-2012 

भीख मांग कर जताया विरोध

इलाहाबाद : उप्र टीईटी उत्तीर्ण एकता संघर्ष मोर्चा के बैनर तले टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को भीख मांग कर अपना विरोध जताया। शांति मार्च निकालते हुए अभ्यर्थी जेडी कार्यालय पहुंचे और जेडी अमरनाथ वर्मा को ज्ञापन सौंपा। अमरनाथ वर्मा ने अभ्यर्थियों को न्यायालय से प्राप्त आदेशों का पालन करने का आश्वासन दिया।
मार्च में मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष विवेकानंद, सुरेशमणि त्रिपाठी, अभिषेक सिंह, सुल्तान अहमद, डा. आरसी तिवारी, रामपूजन तिवारी, संजय यादव आदि लोग शामिल थे।
Source- Jagran
25-2-2012

टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को अंक पत्र लेने में छूट रहे पसीने

आजमगढ़। प्रदेश में सहायक अध्यापकों की भर्ती में आस लगाए टीईटी उत्तीर्ण मंडल के हजारों अभ्यर्थियों को अंक पत्र हासिल करने में पसीने छूट जा रहे हैं। नगर के राजकीय कन्या बालिका इंटर कालेज से अंकपत्र वितरण में सुस्त रफ्तार से चौथे दिन शुक्रवार को भी हजारों अभ्यर्थियों की भीड़ लगी रही। देर शाम तक लाइन में लगे रहने के बाद भी बेरोजगारों को निराश होकर जाना पड़ा।
आजमगढ़ मंडल के आजमगढ़, मऊ, बलिया जिले से लगभग 32 हजार अभ्यर्थियों ने टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण की है। मंडल के उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को अंक पत्र वितरण करने की जिम्मेदारी संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय को दी गई है। 21 फरवरी से राजकीय बालिका इंटर कालेज से अंकपत्र का वितरण किया जा रहा है। इसके लिए तीन काउंटर बनाए गए हैं। शुक्रवार को सुबह नौ बजे से तीनों जिले के हजारों उत्तीर्ण अभ्यर्थी अंकपत्र के लिए उमड़ पड़े। काउंटर से कालेज के बाहर तक सुबह से ही रेला लगा रहा। कालेज के अंदर सफल अभ्यर्थियों की चस्पा की गई सूची में अपना-अपना नाम देखने के लिए होड़ मच रही। वहीं घंटों तक लाइन में खड़े रहने के बाद ही लोगों को अंक पत्र मिल पा रहा था। शाम लगभग छह बजे तक वितरण होने के बाद भी अधिकतर अभ्यर्थियों को बगैर अंक पत्र के ही वापस जाना पड़ा। हालांकि आगे भी वितरण जारी रहेगा।
Source- Amar Ujala
25-2-2012

अब पांच मार्च तक बटेंगे टीईटी प्रमाणपत्र

वाराणसी। टीईटी प्रमाणपत्र के लिए शुक्रवार को अर्दली बाजार स्थित सीटीई परिसर में दिनभर गहमागहमी रही। प्रमाणपत्र के लिए तीसरे दिन अभ्यर्थियों की भीड़ उमड़ पड़ी। अकेले 24 फरवरी को 7939 प्रमाणपत्रों का वितरण किया गया। जबकि इसके पहले दो दिनों में लगभग आठ हजार ही प्रमाणपत्र बांटे गए थे। 25 फरवरी को प्रमाणपत्र वितरण की अंतिम तिथि थी लेकिन वितरण का काम पूरा नहीं होने की संभावना को देखते हुए संयुक्त शिक्षा निदेशक अखिलेश पांडेय ने वितरण की तिथि बढ़ाकर पांच मार्च तक कर दी है।
शुक्रवार को प्राथमिक में 3783 और मिडिल में 4156 प्रमाणपत्रों का वितरण किया गया। प्रमाणपत्र के लिए सुबह से ही अभ्यर्थियों की लंबी लाइन लग गई। शिक्षा विभाग के कर्मचारी टेबल पर पहुंचे तब तक प्रमाणपत्र के लिए पूरा परिसर खचाखच भर गया। अभ्यर्थियों ने देर से वितरण शुरू करने पर नाराजगी भी जाहिर की। भीड़ होने के कारण परिसर में अव्यवस्था का आलम था। वाराणसी मंडल में 54 हजार प्रमाणपत्र वितरित किए जाने हैं। वाराणसी समेत चंदौली, गाजीपुर और जौनपुर के अभ्यर्थियों का प्रमाणपत्र भी यहीं वितरित किया जा रहा है।
Source- Amar Ujala
25-2-2012

लिखित के समानतर होगी प्रयोगात्मक परीक्षा

फैजाबाद। डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय प्रशासन मुख्य परीक्षाओं के समानांतर प्रयोगात्मक परीक्षाएं भी आयोजित करेगा। लिखित परीक्षा 19 मार्च से शुरू होनी है। तय अवधि में सम्पूर्ण परीक्षाफल घोषित करने के लिए कसरत तेज हो गई है। अविवि और इससे संबद्ध करीब 400 महाविद्यालय के साढ़े पांच लाख छात्र/छात्राएं परीक्षा देंगे। इन दिनों केंद्र निर्धारण, उड़ाका दस्ते का गठन व प्रयोगात्मक परीक्षाओं के आयोजन की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। मुख्य परीक्षाओं के सम्पन्न होने तक प्रयोगात्मक परीक्षायें हर हाल में कॉलेजों को सम्पन्न करानी होगी। इसी निर्णय पर अमल करते हुए परीक्षा पूर्व तैयारियों में कॉलेजों को पत्र भेजा गया है। कॉलेज प्रशासन को प्रयोगात्मक परीक्षाओं की तिथियां निर्धारित करने की छूट दी गई है, लेकिन कॉलेजों को सख्ती से समस्त विषयों की प्रयोगात्मक परीक्षाओं को लिखित परीक्षा के खत्म होने तक सम्पन्न कराने का निर्देश हुआ है। इसके लिए वाह्य व आंतरिक परीक्षकों की तैनाती की प्रक्रिया चल रही है। तीन वर्ष का अनुमोदन हासिल करने वाले स्ववित्तपोषित योजना के शिक्षक तथा स्थायी शिक्षकों को क्रमश: आंतरिक व वाह्य परीक्षक बनाने की जद्दोजहद जारी है। फिलहाल परीक्षकों को अभी सूचना भेजी जानी शेष है। वे स्ववित्तपोषित शिक्षक भी अन्य कॉलेजों में आंतरिक परीक्षक बन सकेंगे, जिनका अनुमोदन तीन वर्ष पूर्व हुआ है। सरकारी कॉलेज के शिक्षक ही वाह्य परीक्षक के रूप में नियुक्त होंगे।
Source- Amar Ujala
25-2-2012

बदल सकती है सेना भर्ती प्रक्रिया!

ऑनलाइन परीक्षा के साथ दौड़ से पहले आवेदन लेने पर चल रहा विचार
-नई खुलने वाली यूनिटों में जनसंख्या के अनुपात में होगी भर्ती
लखनऊ, 23 फरवरी (जासं): भर्ती रैली में लगातार बढ़ती भीड़ और बदलते परिवेश में सेना सूचना प्रौद्योगिकी का सहारा ले सकती है। सेना कई राज्यों की पुलिस की तरह दौड़ से पहले ऑनलाइन लिखित परीक्षा कराने पर विचार कर रही है। साथ ही दौड़ से पहले ही आवेदन पत्र मांगने की प्रक्रिया अपनाने के साथ शैक्षिक योग्यता दसवीं से बढ़ाकर इंटरमीडिएट करने की योजना भी बन रही है। यह जानकारी रक्षा मंत्रालय के एडीजी भर्ती मेजर जनरल कंवलजीत सिंह ने गुरुवार को दी। वह यहां छावनी स्थित प्रेक्षागृह में भर्ती रैली पर आधारित राष्ट्रीय सेमिनार को संबोधित करने के बाद प्रेसवार्ता में बोल रहे थे।
मेजर जनरल कंवलजीत सिंह ने बताया कि जाट रेजीमेंट की तरह कई रेजीमेंटों में कुछ ही राज्य के उम्मीदवार आ पाते हैं। अब सभी राज्यों के उम्मीदवारों को समान अवसर मिले, इसके लिए नई बनने वाली यूनिटों में रिक्रूटमेंट मेल पॉपुलेशन (आरएमपी) के आधार पर भर्ती होगी। जिस राज्य में जितनी जनसंख्या, उसके उतने अनुपात में अभ्यर्थियों को मौका मिलेगा। हर साल दस से 12 प्रतिशत उम्मीदवार बढ़ रहे हैं। उनको नियंत्रित कर शांति से भर्ती प्रक्रिया पूरी करना एक चुनौती बन गई है। कई राज्यों की पुलिस की तरह सेना में भी ऑनलाइन परीक्षा पर विचार तो चल रहा है लेकिन अभी इसपर कुछ विवाद भी है। दरअसल सेना को राष्ट्रीय स्तर पर इस प्रक्रिया को अपनाने में कई दिक्कतें भी आ रही हैं। आने वाले समय में वर्तमान प्रक्रिया बदलेगी। आजकल सेना में आने वाला जवान इंटरमीडिएट तो होता ही है, इसलिए उनकी न्यूनतम शैक्षिक योग्यता दसवीं से बढ़ाकर इंटरमीडिएट किया जा सकता है। नेपाल में प्रचंड सरकार आने के बाद बढ़े विवाद के कारण नेपाली गोरखाओं की संख्या में कमी नहीं आई है। माओवादी सेना में भर्ती न हो जाए, इसके लिए बेहतर कदम उठाए गए हैं। छत्तीसगढ़ और उड़ीसा जैसे नक्सल प्रभावित राज्यों के युवा भर्ती रैलियों में अधिक आ रहे हैं। रैली में सेना भर्ती कार्यालय के कुछ जवानों और दलालों की सांठगांठ के मामले पकड़े गए हैं, दलाल किसी को भी सेना में भर्ती नहीं करा सकते। इससे पहले सेमिनार में सेना की सभी क्षेत्रीय भर्ती मुख्यालयों के कमांडिंग अधिकारी, प्रशिक्षण कमान के अधिकारी, पुलिस व राज्य सरकारों के प्रतिनिधि मौजूद थे।
Source- jagran
25-2-2012

अब बेरोजगारों का ऑनलाइन पंजीकरण

खुशखबरी
तीन महीने के अंदर कराना होगा प्रमाण पत्रों का सत्यापन
जितेंद्र कुमार उपाध्याय
लखनऊ, 24 फरवरी: नौकरी की तलाश कर रहे बेरोजगारों के लिए अच्छी खबर है। नौकरी के लिए सेवायोजन कार्यालयों में पंजीकरण कराने के लिए बेरोजगारों को अब लाइन नहीं लगानी होगी। विभाग ने कार्यालयों पर बेरोजगारों की भीड़ को कम करने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण शुरू कर दिया है।
पार्टियों की चुनावी घोषणा पत्र ने बेरोजगारों के अंदर एक नई आस जगाई है। नौकरी के साथ ही बेरोजगारी भत्ते की चाहत में इन दिनों सेवायोजन कार्यालयों में बेरोजगारों की भीड़ लगी हुई है। भीड़ को कम करने के लिए विभाग ऑनलाइन पंजीकरण शुरू कर रहा है। शुक्रवार को ऑन लाइन प्रक्रिया का परीक्षण भी पूरा हो गया। बेरोजगार अपने निजी कंप्यूटर या साइबर कैफे से ऑनलाइन पंजीकरण कर सकेंगे। विभाग की वेबसाइट 'डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट सेवायोजन डॉट ओआरजी' पर लॉग ऑन करके बेरोजगार अपना पंजीकरण करा सकेंगे। ऑन लाइन पंजीकरण कराने वाले बेरोजगारों को अस्थाई पंजीकरण नंबर मिल जाएगा। अस्थाई नंबर के साथ बेरोजगारों को तीन महीने के अंदर सेवायोजन कार्यालय पर योग्यता प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराना होगा। सत्यापन के बाद अस्थाई नंबर को स्थाई कर दिया जाएगा।
हिंदी में होगा विवरण
ऑनलाइन पंजीकरण से सेवायोजन कार्यालयों पर बेरोजगारों की भीड़ कम होगी। वहीं पंजीकरण में पारदर्शिता भी होगी। ऑनलाइन पंजीकरण के लिए तैयारी पूरी हो गई है। सभी सेवायोजन कार्यालयों को पंजीकरण को मान्य करने के निर्देश भेजे जा रहे हैं। वेबसाइट पर पंजीकरण का पूरा विवरण हिंदी में मौजूद होगा, जिससे कम पढ़े लिखे बेरोजगार भी आसानी से पंजीकरण करा सकेंगे।
अनिल कुमार
निदेशक, प्रशिक्षण एवं सेवायोजन
Source- jagran
25-2-2012

Friday, 24 February 2012

प्रभा त्रिपाठी की गिरफ्तारी पर रोक

इलाहाबाद : उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद की पूर्व सचिव प्रभा त्रिपाठी की टीईटी घोटाले में गिरफ्तारी पर रोक लगा दी हैमामले की अगली सुनवाई की तिथि 16 मार्च नियत करते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति डीपी सिंह तथा न्यायमूर्ति वीके माथुर की खण्डपीठ ने प्रभा त्रिपाठी की याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि टीईटी घोटाले के लिए पुलिस परेशान कर रही, उनकी गिरफ्तारी की जा सकती है। अपनी गिरफ्तारी की आशंका को लेकर दाखिल याचिका पर न्यायालय ने अगली सुनवाई की तिथि तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।
Source- jagran
24-2-2012

UP TET STAY TILL 1-MARCH-2012




                         



                          UP TET STAY TILL 1-MARCH-2012

रोजगार दफ्तर खुद ही 'बेरोजगार'

मुरादाबाद : नौकरी की उम्मीद में नौजवानों की भीड़ हर रोज रोजगार कार्यालय पर जुटती है, मगर नौकरी किसी भाग्यशाली को ही नसीब होती है। तमाम बेरोजगार इस दफ्तर में नवीनीकरण कराकर थक गए, मगर आज तक उनको रोजगार नहीं मिला।
इस दफ्तर में तीन वर्ष के भीतर 39,287 बेरोजगारों ने पंजीकरण कराया। इनमें प्राइवेट कंपनियों में 2010 में 325 व 2011 में 490 बेरोजगारों को नौकरी मिली। एक अनार सौ बीमार जैसी हालत में रोजगार कार्यालय नौकरी देने में सक्षम नहीं हो पाया। वर्ष 2011 में सरकारी नौकरी तो सिर्फ 102 बेरोजगारों को मिली।
विभागों में भर्ती के लिए अगर किसी विभाग द्वारा पंजीकृत बेरोजगारों की सूची रोजगार कार्यालय से मांग भी ली तो उसमें 0.01 फीसदी को भी नौकरी नहीं मिल पाती है। बताया जाता है कि ज्यादातर सरकारी विभाग सीधी भर्ती कर लेते हैं, जिसकी सेवायोजन कार्यालय को भनक नहीं लग पाती है।
क्या कहते हैं अधिकारी
पंजीकृत बेरोजगारों को सरकारी नौकरी तो नहीं मिल रही, लेकिन रोजगार मेला योजना के तहत प्राइवेट कंपनियों में नौकरी दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। पंजीकृत बेरोजगारों को स्टनोग्राफी, टाइपिंग, आफिस मैनेजमेंट के अलावा बीसीएल एजूकेशन इंस्टीट्यूट के माध्यम से निशुल्क रूप से साफ्ट स्किल ट्रेनिंग दिलाई जा रही है ताकि किसी कंपनी में नौकरी मिलने से पहले इनमें व्यक्तित्व विकास हो सके।
एसपी शर्मा, क्षेत्रीय सेवायोजन अधिकारी
--------
पंजीकृत बेरोजगारों के आंकड़े
वर्ष पुरुष महिला योग
2009 24608 8992 33600
2010 30318 6863 37181
2011 30341 8946 39289
Source- jagran
24-2-2012

Thursday, 23 February 2012

हाई कोर्ट ने यादव कपिलदेव केश को दी अगली तारीख।

हाई कोर्ट ने यादव कपिलदेव केश को दी अगली तारीख।

Court No. - 35
Case :- WRIT - A No. - 76039 of 2011
Petitioner :- Yadav Kapildev Lal Bahadur
Respondent :- State Of U.P. & Others
Petitioner Counsel :- Alok Kumar Yadav,Rajesh Yadav
Respondent Counsel :- C.S.C.,K.S. Kushwaha
Hon'ble Pankaj Naqvi,J.
Rejoinder affidavit filed on behalf of the petitioner, is taken on
record.
List in the next cause list. The interim order, if any, granted earlier
shall remain in operation till the next date of listing.
Order Date :- 23.2.2012
Masarrat


सहायक अध्यापकों के भर्ती विज्ञापन पर रोक बढ़ी

विधि संवाददाता, इलाहाबाद : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों की तरफ से जारी प्राइमरी स्कूलों के सहायक अध्यापकों की भर्ती विज्ञापन पर लगी रोक बढ़ा दी है। याचिका की सुनवाई एक सप्ताह बाद होगा।
यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज नकवी ने यादव कपिलदेव लाल बहादुर की याचिका पर दिया है। उल्लेखनीय है कि टीईटी परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को सहायक अध्यापक नियुक्त करने के लिए बोर्ड ने विज्ञापन निकाला, जिसे चुनौती दी गई। याची का कहना था कि अधिनियम के अंतर्गत जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भर्ती विज्ञापन जारी करने का अधिकार है। बोर्ड को ऐसा विज्ञापन जारी करने का अधिकार नहीं है। जिस पर न्यायालय ने बोर्ड के आदेश पर रोक लगाते हुए जवाब मांगा है। ज्ञातव्य है कि इस चयन के तहत 72825 शिक्षकों की नियुक्ति की जानी है।

सचिव पद से हटाई गई प्रभा, वासुदेव ने संभाला चार्ज

वरिष्ठ संवाददाता, इलाहाबाद : शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में घोटाला उजागर होने और निदेशक के गिरफ्तार होने के बाद से दफ्तर नहीं आ रहीं सचिव प्रभा त्रिपाठी को शासन ने हटा दिया है। उन्हें माध्यमिक शिक्षा निदेशालय से संबद्ध कर दिया गया है। चुनाव आयोग की हरी झंडी मिलने के बाद अपर निदेशक (महिला शिक्षा) वासुदेव यादव को परिषद के नए सचिव के रूप में तैनाती दे दी गई है। गुरुवार को निदेशक, माध्यमिक शिक्षा सीपी तिवारी ने उन्हें परिषद कार्यालय में सचिव पद का कार्यभार ग्रहण कराया।
नए सचिव वासुदेव यादव को कार्यभार ग्रहण कराने के बाद मीडिया से मुखातिब सीपी तिवारी ने बताया कि पूर्व सचिव प्रभा त्रिपाठी मेडिकल लीव पर हैं। उनकी मेडिकल लीव शुक्रवार को खत्म हो रही है। फिलहाल शासन ने उन्हें माध्यमिक शिक्षा निदेशालय से संबद्ध कर दिया है। जल्द ही प्रभा निदेशालय में अपना कार्यभार ग्रहण करेंगी। उन्होंने बताया कि यह निर्णय 66 लाख परीक्षार्थियों की परीक्षा में कोई व्यवधान न आए इसलिए लिया गया है। जब वह मेडिकल लीव पर थीं और शासन को इस बात की जानकारी थी तो उनको कुछ दिन का और मौका क्यों नहीं दिया गया इस सवाल के जवाब में सीपी तिवारी ने कहा कि बोर्ड परीक्षा सिर पर है और तैयारियों के लिहाज से एक-एक दिन महत्वपूर्ण है ऐसे में सचिव जैसे पद पर और अनुपस्थिति बोर्ड परीक्षा की तैयारियों पर प्रतिकूल असर डालती। यह 66 लाख परीक्षार्थियों के भविष्य का सवाल है। लिहाजा यह निर्णय लेना पड़ा।
निदेशक सीपी तिवारी ने शिक्षक पात्रता परीक्षा में हुई धांधली और घोटाले पर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। जांच रिपोर्ट आ जाने के बाद शासन को तय करना है कि टीईटी का क्या किया जाए।
इनसेट
66 लाख बच्चों की परीक्षा कराना पहली प्राथमिकता
पदभार ग्रहण करने के बाद माध्यमिक शिक्षा परिषद के नए सचिव वासुदेव यादव ने कहा कि 66 लाख परीक्षार्थियों की परीक्षा सकुशल और नकल विहीन कराना उनकी पहली प्राथमिकता होगी। यह लाखों छात्रों के भविष्य का सवाल है। इसमें किसी प्रकार की कोई लापरवाही बर्दास्त नहीं की जाएगी। बोर्ड परीक्षा की तैयारियों की नियमित समीक्षा की जाएगी। उत्तर पुस्तिकाएं, डेस्क स्लिप, एडमिटकार्ड व अटेंडेंस स्लिप आदि को समय से पहुंचाने का काम शुरू कर दिया गया है। बोर्ड परीक्षा की तैयारियां 75 प्रतिशत तक पूरी हो गई हैं। बाकी बचे काम को भी जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।
Source-Jagran
23-2-2012

निदेशक ने परखी बोर्ड परीक्षा तैयारियों की गति

वरिष्ठ संवाददाता, इलाहाबाद : शिक्षक पात्रता परीक्षा में फजीहत झेलने के बाद सतर्क हुआ माध्यमिक शिक्षा विभाग बोर्ड परीक्षा तैयारियों में जरा सी भी चूक नहीं करना चाहता। यही कारण है कि माध्यमिक शिक्षा के नए निदेशक सीपी तिवारी एक-एक कदम बहुत सोच समझकर रख रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने गुरुवार को बोर्ड परीक्षा तैयारियों को लेकर फिर बैठक की। उन्होंने 18 फरवरी को पहली बार अधीनस्थ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की थी। गुरुवार की बैठक में दिए गए निर्देशों का पालन हुआ या नहीं इसकी जानकारी मांगी। कई जिलों में फोन कर डीआइओएस व संयुक्त शिक्षा निदेशकों से बात भी की। समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने अपने-अपने कार्यो की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की।
समीक्षा बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को 80 प्रतिशत कॉपियां भेज दी गई हैं। बाकी बची कॉपियों व परीक्षा सामग्री भी 28 फरवरी तक भेज दी जाएगी। प्रवेश पत्र, डेस्क स्लिप, नाम निर्देशिका, एवार्ड ब्लैंक सूची व डेस्क स्लिप आदि को भेजने का काम शुरू कर दिया गया है। एक सप्ताह के अंदर सभी विद्यालयों को प्रवेश पत्र व परीक्षा सामग्री पहुंचा दी जाएगी।
प्रश्न पत्रों को भेजने के लिए बोर्ड के 26 अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। दो दिन बाद सभी जिलों में परीक्षा संबंधी सामग्री पहुंच जाएगी। बोर्ड परीक्षा तैयारियों को लेकर तीन मार्च को फिर समीक्षा बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में प्रदेश के सभी संयुक्त शिक्षा निदेशकों को भी बुलाया गया है। परीक्षा में किसी प्रकार की गड़बड़ी न होने पाए इसको लेकर निदेशक सभी अधीनस्थ अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे।
उन्होंने बताया कि सीपी तिवारी ने बताया कि नकल विहीन परीक्षा संपन्न कराने के लिए विधानसभा चुनाव में जिन मजिस्ट्रेटों को तैनात किया गया था, उन्हीं को बोर्ड परीक्षा में भी तैनात किया जाएगा। इसके अलावा शासन द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुरूप बोर्ड परीक्षा को संपन्न कराया जाएगा।
Source- Jagran
23-2-2012

एक सप्ताह में सार्वजनिक हो जांच रिपोर्ट

एक सप्ताह में सार्वजनिक हो जांच रिपोर्टइलाहाबाद : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड द्वारा हाल ही में घोषित टीजीटी परिणाम में कुछ अभ्यर्थियों व चयन बोर्ड के एक सदस्य के पुत्र को बिना लिखित परीक्षा उत्तीर्ण किए ही सीधे साक्षात्कार में बुलाकर अंतिम परिणाम में शामिल करने की खबर से आक्रोशित प्रतियोगी छात्रों ने गुरुवार को एक बैठक की। बैठक की अध्यक्षता प्रतियोगी छात्र मोर्चा के अध्यक्ष डॉ. राजेश सिंह ने की। उन्होंने कहा कि अभी इस प्रकरण की जांच चयन बोर्ड खुद कर रहा है। यह भी भरोसा दिया जा रहा है कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। लेकिन यदि एक सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट सार्वजनिक कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की जाती तो प्रतियोगी छात्र मोर्चा राज्यपाल से मिलकर बोर्ड को भंग कराने का अनुरोध करेगा। श्री सिंह ने आरोप लगाया कि रिजल्ट घोषित होने से पहले कई बार उसकी चेकिंग होती है। ऐसे में यह कहकर पल्ला झाड़ने की हर कोशिश को बेनकाब किया जाएगा कि यह मामला तो पूर्व अध्यक्ष के कार्यकाल का है। किसी परिणाम में कोई संशोधन माननीय न्यायालय के आदेश या प्रत्यावेदन निस्तारण की दशा में इसे वेबसाइट और समाचार पत्रों में सार्वजनिक किया जाना चाहिए। बैठक का संचालन करते हुए महामंत्री सुरेश यादव ने कहा कि माध्यमिक व उच्चतर आयोग के अधिकारी व सदस्य सत्ताधारी दल का प्रदेश भर में प्रचार कर रहे हैं।
28 तक प्राप्त करें फार्म
इलाहाबाद : गांधी अकादमिक संस्थान की ओर से आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए पीसीएस प्री परीक्षा के लिए निश्शुल्क मॉडल टेस्ट सीरीज का आयोजन 1 मार्च से किया जा रहा है। इच्छुक अभ्यर्थी 24 से 28 फरवरी तक बैंक रोड स्थित कार्यालय से प्रवेश फार्म प्राप्त कर सकते हैं। इस निश्शुल्क सीरीज की व्यवस्था कुछ चयनित छात्रों द्वारा दी गई आर्थिक सहायता से होती है।
Source- jagran
23-2-2012

यह है बेरोजगारी की युवाओ पर मार ।


सिपाही बनने को दौड़ रहे एमसीए-एमबीए पास

वरिष्ठ संवाददाता, इलाहाबाद : पद सिपाही। पे बैंड 5200-20,200 रुपये। ग्रेड पे 2000। योग्यता हाईस्कूल, उम्रसीमा 18-23 वर्ष। केंद्रीय बलों में सिपाही बनने के लिए यही अर्हताएं काफी हैं, पर बेरोजगारी का आलम यह है कि सिपाही बनने के लिए एमबीए, एमसीए व बीएससी-एमएससी पास युवा भी दौड़ लगा रहे हैं, जी-जान एक किए हुए हैं। स्थिति यह है कि 90 हजार पदों के लिए देशभर में 35 लाख से भी अधिक आवेदन आ गए हैं। नई तस्वीर यह है कि 35 लाख आवेदकों में से 20 लाख से ऊपर अभ्यर्थी स्नातक या परास्नातक हैं।
कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) द्वारा केंद्रीय पुलिस बलों में सिपाही के पदों पर भर्ती के लिए हाल ही में आवेदन मांगे गए थे। आयोग ने आवेदन पत्रों की छंटाई के बाद छह मार्च से शारीरिक दक्षता परीक्षा शुरू की है। इनमें से फिजिकल दे रहे अधिकांश युवा स्नातक हैं। इसके अलावा एमबीए-एमसीए व बीएससी-एमएससी किए हुए भी अभ्यर्थी सिपाही की दौड़ में शामिल हैं। ऐसे में सिपाही की नौकरी के लिए उच्च शिक्षित अभ्यर्थियों का आवेदन करना अपने आप में कई सवाल खड़े कर रहा है।
भर्ती परीक्षा से जुड़े एक उच्च पदस्थ अधिकारी का कहना है कि अधिकांश युवा जगह-जगह कुकुरमुत्ते की तरह खुले संस्थानों से डिग्री तो हासिल कर ले रहे हैं पर अपनी शिक्षा के अनुरूप नौकरी हासिल नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में आंकड़ों में शिक्षा का स्तर तो उठ रहा है पर युवाओं में शैक्षिक योग्यता के अनुरूप क्षमता का विकास नहीं हो पा रहा है। यह दोष हमारी शिक्षा प्रणाली का है। यही कारण है कि युवा उच्च डिग्री हासिल करने के बाद भी रोजगार के लिए योग्य नहीं हो पा रहे हैं और चपरासी-वार्ड ब्वाय बनने के लिए आवेदन कर रहे हैं। फिलहाल यह स्थिति भविष्य के लिए अच्छे संकेत नहीं कर रही और उच्च शिक्षा की गुणवत्ता पर सवालिया निशान लगा रही है।
Source- Jagran
23-2-2012
 

साझा इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा का फामरूला पेश

अगले वर्ष से इसी फामरूले पर प्रवेश परीक्षा होने के आसार दाखिले के लिए छात्रों को कई जगहफार्म भरने से मिलेगी मुक्ति राज्य 12th के रिजल्ट को 40 फीसद अहमियत दी जाएगी 60 फीसद मेन एवं एडवांस परीक्षा के रिजल्ट को महत्व कु छ आपत्तियों सहित ज्यादातर राज्यों ने की सराहना 35 में 11 राज्यों में सहमति, अन्य से विचार-विमर्श जारी शिक्षा मंत्रियों का सम्मेलन
नई दिल्ली (एसएनबी)। मानव संसाधन विकास मंत्रालय को तकनीकी शिक्षा में सुधार के रास्ते पर एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। राज्य शिक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में बुधवार को मंत्रालय द्वारा आईआईटी समेत देश भरके सरकारी व गैर सरकारी इंजीनियरिंगकालेजों में दाखिले के लिए तैयार किए गए ‘एकल प्रवेश परीक्षा फामरूला’को पेश किया गया। कुछ आपत्तियों सहित अधिकांश राज्यों ने इसकी सराहना की है। जिन राज्यों को आपत्ति है उनसे मंत्रालय का विचारिवमर्श जारी रहेगा ताकि अगले वर्ष से पूरे देश में इंजीनियरिंग दाखिले की राष्ट्रव्यापी परीक्षा हो सके और छात्रों के बोझ को कम कियाजा सके। शिक्षा सुधार के नाम पर देश के शिक्षा मंत्रियों की बैठक को संबोधित करने के बाद पत्रकारों से वार्ता करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि तकनीकी

हर सप्ताह होगी परीक्षा तैयारियों की समीक्षा


हर सप्ताह होगी परीक्षा तैयारियों की समीक्षावरिष्ठ संवाददाता, इलाहाबाद : शिक्षक पात्रता परीक्षा में फजीहत होने के बाद माध्यमिक शिक्षा परिषद के नए सभापति ने बोर्ड परीक्षा की तैयारियों का अब हर सप्ताह समीक्षा करने की घोषणा की है। उन्होंने अधीनस्थों को बोर्ड परीक्षा तैयारियों में किसी भी स्तर की लापरवाही बर्दाश्त करने के भी संकेत दिए हैं।
शिक्षक पात्रता परीक्षा में किरकिरी होने के बाद मार्च में प्रस्तावित हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा की तैयारियों में किसी प्रकार की चूक न हो इसके लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग अतिरिक्त सावधानी बरत रहा है। इस परीक्षा में 66 लाख के लगभग परीक्षार्थी भाग ले रहे हैं। पहले से ही नकल के लिए बदनाम यूपी बोर्ड के सामने अपनी साख बचाने की चुनौती है। यही कारण है कि निदेशक माध्यमिक शिक्षा सीपी तिवारी ने चार्ज लेने के बाद बोर्ड अधिकारियों के साथ पहली बैठक 18 फरवरी को ली थी। दूसरी समीक्षा बैठक वह गुरुवार को कर रहे हैं। गुरुवार को बोर्ड के सभी अधिकारियों को उपस्थित रहने को कहा गया है। इस बैठक को लेकर बुधवार को बोर्ड दफ्तर में तैयारियां होती रहीं। प्रश्न पत्र भेजने को लेकर गोपनीय बैठक भी हुई। प्रवेश पत्रों के भी बंडल बनाकर सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को भेजने की तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया। इसके अलावा परीक्षा केंद्रों को भी अधिकारियों ने अंतिम रूप दे दिया गया।
सूत्रों के मुताबिक टीईटी में फजीहत होने के बाद नए निदेशक के सामने बोर्ड परीक्षा को सकुशल संपन्न कराना बड़ी चुनौती है। उनका रिटायरमेंट भी कुछ माह शेष है। ऐसे में वह भी नहीं चाहेंगे कि किसी भी स्तर पर बोर्ड परीक्षा में कोई गड़बड़ी हो, या उनके करियर पर कोई दाग लगे। लिहाजा उन्होंने बोर्ड परीक्षा की तैयारियों की खुद नियमित समीक्षा करने का मन बनाया है। पिछली बार कही गई बातों और दिए गए निर्देशों पर कितना अमल हुआ इसकी जांच पड़ताल करेंगे।

प्रधानाचार्यविहीन विद्यालयों से आयोग ने मांगी सूची

प्रधानाचार्यविहीन विद्यालयों से आयोग ने मांगी सूची
ज्ञानपुर (भदोही): प्रधानाचार्यविहीन चल रहे माध्यमिक विद्यालयों के प्रति आयोग चिंतित हो उठा है। आयोग ने ऐसे विद्यालयों से दो-दो वरिष्ठ शिक्षकों की सूची मांगी है।
बताते चलें कि जिले में गणेश प्रसाद इंटर कॉलेज बरवां, काशिराज महाविद्यालय इंटर कॉलेज औराई, लक्ष्मण प्रसाद इंटर कॉलेज करियांव, राम संजीवन लाल इंटर कॉलेज खमरिया,महर्षि शिवव्रत लाल इंटर कॉलेज राधास्वामी धाम, इंटर कॉलेज धनतुलसी, ज्ञानदेवी बालिका इंटर कॉलेज भदोही व जिला पंचायत बालिका इंटर कॉलेज ज्ञानपुर व गोपीगंज में प्रधानाचार्यो की तैनाती नहीं है। सभी विद्यालय प्रभारी प्रधानाचार्यो के सहारे संचालित हो रहे हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक कमलाकर पांडेय ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा आयोग ने सभी विद्यालयों के प्रबंधकों को पत्र भेंजकर दो-दो वरिष्ठ शिक्षकों की सेवा अभिलेखों से लेकर सारी जानकारी मांगी गई है। श्री पांडेय ने बताया कि आयोग द्वारा शुरू किए गए चयन प्रक्रिया में इन शिक्षकों को शामिल किया जाएगा।
Source- jagran

शिक्षक हित में लिए कई अहम निर्णय





बलिया: उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ की विशेष बैठक प्रधान कार्यालय अध्यापक भवन में की गई। बैठक में नियुक्त शिक्षक जिनके सर्टिफिकेट का सत्यापन हो गया है उनका वेतन लगाने, 2004 के बाद के नियुक्त शिक्षकों के भविष्य निधि की कटौती नये नियमों के अनुसार तत्काल शुरू करने, पदोन्नति में विभागीय त्रुटि से वंचित रह गए शिक्षकों की पदोन्नति सहित 2011 की सदस्यता तथा चुनाव कराने के मुद्दों पर विचार -विमर्श किया गया। उक्त बैठक में उपस्थित सभी क्षेत्रीय इकाईयों के अध्यक्ष, मंत्री तथा जिला कार्य समिति के पदाधिकारी एवं सदस्यों ने भाग लिया और उक्त एजेंडा पर अपने विचार रखे। भविष्य निधि की कटौती तत्काल शुरू करने, सर्टिफिकेट का सत्यापन हो चुके शिक्षकों का तत्काल वेतन आहरण करने, पदोन्नति से वंचित रह गए तथा शेष रिक्त पदों पर तत्काल पदोन्नति का सदन ने सर्व सम्मत समर्थन किया। 2011 की सदस्यता फीस भी तत्काल जमा कर दिये जाने का निर्णय लिया गया। उक्त बैठक में सभी ब्लाकों के अध्यक्ष मंत्री और जिला कार्य समिति के पदाधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में विचार व्यक्त करने वाले प्रतिनिधियों में अमर नाथ तिवारी, अजेय किशोर सिंह, राजेन्द्र मिश्र, मोहन चौबे, जितेन्द्र सिंह, प्रवीण कुमार सिंह, राधेश्याम पाण्डेय, अनिल सिंह, पंकज श्रीवास्तव, अजय कुमार मिश्र, प्रभुनाथ आदि शामिल रहे। अध्यक्षता संघ के जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र नाथ सिंह व संचालन गिरीश मिश्र ने किया।
Source- jagran

टीईटी परीक्षा में धांधली की निंदा

टीईटी परीक्षा में धांधली की निंदा
मिश्रिख(सीतापुर), मंगलवार को बड़ा हनुमान मंदिर मिश्रिख परिसर में टीईटी संघर्ष मोर्चा की बैठक रमेश चंद्र यादव की अध्यक्षता में हुई। बैठक में टीईटी परीक्षा में धांधली करने वालों की निंदा की गई और उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग शासन से की गई।
विजय कुमार पाल ने कहा कि टीईटी परीक्षा में धांधली कर बेरोजगार अभ्यर्थियों के साथ धोखा किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार इसकी गहराई से जांच कराए और दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई हो। परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को टीईटी में प्राप्त अंकों के आधार पर नियुक्ति दी जाए। कृष्ण गोपाल त्रिपाठी ने कहा कि टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की नियुक्ति की जाए। अन्यथा मोर्चा आंदोलन करने को बाध्य होगा।
बैठक में आशीष वर्मा, संजीव वाजपेयी, अखिलेश अवस्थी, दीपक मिश्र, जनार्दन मिश्र, पंकज आंनद, सुधीर शुक्ल, अवध किशोर यादव, कृष्ण प्रकाश वाजपेयी, अनूप पांडेय, रामेंद्र त्रिपाठी, रामेंद्र, सचिन वर्मा, जितेंद्र अवस्थी, सोनिया वैश्य, अर्चना शुक्ला, सुनैना आदि उपस्थित थे।
Source- jagran
23-2-2012

टीईटी : विश्वसनीय एजेंसी से हो पुनर्मूल्यांकन की जांच

टीईटी : विश्वसनीय एजेंसी से हो पुनर्मूल्यांकन की जांच
कासिमाबाद (गाजीपुर) : टीईटी अभ्यर्थियों की बुधवार को डाकबंगला परिसर में बैठक हुई। इसमें टीईटी के नाम पर दलों द्वारा राजनीति किये जाने की निंदा की गयी। अभ्यर्थियों ने टीईटी का पुनर्मूल्यांकन किसी विश्वसनीय जांच एजेंसी से कराकर नियुक्ति की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की मांग की। बैठक में राजू सिंह, सिकन्दर बिन्द, संजय प्रजापति, अच्छेलाल, गुड्डू खरवार, मदन राम, रविप्रकाश पांडेय आदि मौजूद रहे। अध्यक्षता शक्ति कुमार व संचालन संतोष गुप्ता ने किया।
जमानियां प्रतिनिधि के अनुसार मां कर्पूरा मंदिर परिसर में टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी संघ की हुई बैठक में परीक्षा में धांधली की बढ़ती शिकायतों के बाद लगातार हो रहे नये-नये बदलावों पर रोष जताया गया। टीईटी संघर्ष मोर्चा सदस्य गिरीश कुमार ने कहा कि आवेदन प्रक्रिया से लेकर परीक्षा तक अभ्यर्थियों ने परेशानी झेला। रिजल्ट जारी होने के बाद उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने शिक्षक पद पर चयन के लिए आवेदन भी कर दिया परन्तु ऐन मौके पर नियमों में बदलाव कर दिया गया। बैठक में प्रदीप अग्रवाल, विजयेता कुमारी, मनोज दुबे, सुनीता यादव, शाहिद सिद्दीकी आदि मौजूद रहे।
Source- jagran
23-2-2012

वासुदेव आज संभालेंगे बोर्ड सचिव का चार्ज!


वरिष्ठ संवाददाता, इलाहाबाद : चुनाव आयोग से हरी झंडी न मिल पाने के कारण बुधवार को यूपी बोर्ड के अपर निदेशक वासुदेव यादव को सचिव के पद का कार्यभार नहीं सौंपा जा सका। सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को निदेशक सीपी तिवारी उन्हें सचिव के पद का कार्यभार सौंप सकते हैं। टीईटी घोटाले में माध्यमिक शिक्षा परिषद के सभापति संजय मोहन के गिरफ्तार होने के बाद सह आरोपी एवं यूपी बोर्ड की सचिव प्रभा त्रिपाठी गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट पहुंच गई हैं। इस मामले की एक सुनवाई भी हो चुकी है, जिसमें हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है। टीईटी में बोर्ड की किरकिरी होने के बाद सचिव के पद पर किसी वरिष्ठ व अनुभवी अधिकारी की तैनाती की कवायद सचिव के लगातार अनुपस्थित रहने के बाद से शुरू हो गई थी।

टीईटी में धांधली करने वालों से रिकवरी हो

पहले भरे फार्मो पर दुबारा से कराई जाये परीक्षा
जागरण संवाददाता, बबराला (भीम नगर) : बीएड बेरोजगार संघ की बैठक में टीईटी परीक्षा में धांधली करने वाले अधिकारी व कर्मचारियों के वेतन से अभ्यर्थियों के फार्म व अन्य खर्च की रिकवरी करने की मांग की गई। कहा गया कि अभ्यर्थी इस धांधली से अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
बारात घर में हुई बैठक में बीएड डिग्रीधारियों ने कहा कि टीईटी परीक्षा में धांधली के आरोप में गिरफ्तार माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन ने कई जिलों में धांधली की बात स्वीकार की है। इस परीक्षा के लिए केन्द्र निर्धारण में भी खेल खेला गया है। इससे परीक्षा की धांधली की पोल खुल गई है और इसकी विश्वसनीयता भंग हो चुकी है। इस परीक्षा की धांधली में शामिल सभी कर्मचारी, अधिकारी को गिरफ्तार कर उनसे इसकी रिकवरी कर अभ्यर्थियों को उनका पैसा वापस किया जाए। दुबारा उसी फार्म पर अन्य किसी बोर्ड के अंतर्गत इस परीक्षा को कराया जाए जिससे अभ्यर्थी अपने को ठगा सा महसूस न कर सकें।
वक्ताओं ने कहा कि टीईटी परीक्षा की धांधली परत दर परत पूरी तरह से खुल चुकी है। ऐसे में इस परीक्षा का कोई औचित्य नहीं रह गया है। बैठक में संजय शर्मा, विशाल यादव, राजेश कुमार, शैलेन्द्र, धर्मवीर सिंह, नरेश चन्द्र आदि उपस्थित थे।
Source- jagran

Wednesday, 22 February 2012

जन्मतिथि से एक दिन पहले होगी सेवानिवृत्ति की तिथि : हाईकोर्ट

वि.सं., इलाहाबाद : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि यदि कर्मचारी की जन्मतिथि माह की प्रथम तिथि है तो वह पिछले माह की अन्तिम तिथि को सेवानिवृत्त हो जाएगा, अर्थात कर्मचारी की जन्मतिथि 1 जुलाई है तो वह 30 जून को सेवानिवृत्त हो जाएगा। 1 जुलाई को इसे सेवा में नहीं माना जाएगा। उसे माह के प्रथम दिन का लाभ नहीं मिलेगा।
इसी के साथ न्यायालय ने सिंचाई विभाग में सहायक अभियंता मुहम्मद हुसैन की याचिका पर हस्तक्षेप करने से इन्कार करते हुए उसे खारिज कर दिया है। याची का कहना था कि उसकी जन्मतिथि 1 जुलाई है। इसलिए उसे जुलाई माह का इन्क्रीमेन्ट देकर सेवानिवृत्ति दी जाए। जिसे न्यायालय ने उचित नहीं माना। यह आदेश न्यायमूर्ति सुनील अम्बवानी तथा न्यायमूर्ति मनोज मिश्र की खण्डपीठ ने दिया है। याचिका के अनुसार याची की जन्मतिथि 1 जुलाई 49 दर्ज है। विभाग ने 60 वर्ष पूरा करने पर 30 जून 09 को सेवानिवृत्ति दे दी। जबकि याची का कहना था कि उसे 1 जुलाई 09 को सेवानिवृत्त किया जाना चाहिए था। याची का कहना था कि एक इन्क्रीमेन्ट देकर पेंशन निर्धारित की जाय। न्यायालय ने कहा कि सेवानिवृत्ति का निर्धारण विभागीय नियमों के तहत किया जाता है।
न्यायालय ने कहा है कि सेवा नियमावली के तहत याची 30 जून 09 को सेवानिवृत्त हो गया। ऐसे में वह जुलाई माह का लाभ पाने का हकदार नहीं है। अदालत ने कहा है कि किसी कर्मचारी की जन्मतिथि माह की पहली तारीख है तो उसे पूर्ववर्ती माह की अन्तिम तिथि को सेवानिवृत्त किया जाएगा।

चयन में धांधली पर विभागीय कार्यवाही करना गलत : हाईकोर्ट

आप सभी टेट पास इस निर्णय को देख  सकते है जिसमे हाई कोर्ट ने धांधली के बाद भी भर्ती प्रक्रिया को राज्य सरकार द्वारा  निरस्त  करने के आदेश को ख़ारिज कर दिया और दोषियों को प्रक्रिया से अलग कर भर्ती करने का आदेश राज्य सरकार को दिया है । 





विसं., इलाहाबाद : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पंचायत राज विभाग बस्ती में 11 लिपिकों की बैकलॉग भर्ती में अनियमितता की शिकायत पर चयन को रद करने के सरकारी आदेश को हाईकोर्ट द्वारा अवैध करार देने के बावजूद पंचायत राज अधिकारी के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही कर पेंशन कटौती व ग्रेच्युटी का भुगतान रोकने के आदेश को अवैध करार दिया है और प्रमुख सचिव पंचायत राज अनुभाग - एक उ.प्र. के आदेशों को रद कर दिया है।
न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह 9 फीसदी ब्याज के साथ एक माह के भीतर याची को सेवा निवृत्ति परिलाभों का भुगतान करें तथा एक माह में पेंशन निर्धारण कर नियमित भुगतान करें। न्यायालय ने राज्य सरकार पर 10 हजार का हर्जाना भी लगाया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सुनील अम्बवानी तथा न्यायमूर्ति मनोज मिश्र की खण्डपीठ ने पंचायत राज अधिकारी पद से सेवानिवृत्त अधिकारी रामबाबू साहू की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। उल्लेखनीय है कि विभाग में बैकलॉग भर्ती में अनियमितता व कदाचार की शिकायत पर राज्य सरकार ने चयन रद कर दिया था। जिसे चयनित लोगों ने चुनौती दी। हाईकोर्ट ने चयन रद करने के सरकार के फैसले को निरस्त करते हुए चयन को सही ठहराया। इस आदेश के खिलाफ अपील भी नहीं हुई। अनियमितता व कदाचार की उसी शिकायत के आधार पर याची के विरुद्ध सिविल सर्विस रेग्यूलेशन के अनुच्छेद 351 (ए.) के तहत विभागीय जांच की गयी। याची को अनियमितता का दोषी पाया गया और उसके पेंशन में कटौती करते हुए पूरी ग्रेच्युटी को जब्त कर लिया गया। जिसे याचिका में चुनौती दी गयी थी। न्यायालय ने हाईकोर्ट के निर्णय से चयन सही ठहराये जाने के बाद उन्हीं आरोपों पर की गयी कार्यवाही को अवैध व मनमाना करार दिया है।

वाराणसी- टेट अंकपत्र के लिये दिनभर रही भीड़

Source- Amar Ujala
             22-2-2012

25 से मिलेंगे टीईटी के सर्टिफिकेट इलाहाबाद

ई-मेल प्रिंट टिप्पणियॉ: (0) अ+ अ-
यूपी-टीईटी में सफल अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र 25 फरवरी से राजकीय इंटर कालेज से वितरित होंगे। यह जानकारी जीआईसी के प्रिंसिपल संदीप चौधरी ने दी है। गौरतलब है कि जीआईसी से इलाहाबाद, प्रतापगढ़, कौशाम्बी और फतेहपुर जिलों के अभ्यर्थियों को प्रमाण पत्र दिए जा रहे थे। विधानसभाचुनाव में कालेज के कर्मचारियों की डय़ूटी लगने और पुलिस फोर्स न मिलने की वजह से 15 फरवरी से पहले सर्टिफिकेट का वितरण रोक दिया गया था।

रद न हो टीईटी परीक्षाफल यूपी टीईटी संघषर् समिति की मांग

वाराणसी (एसएनबी)। यूपी टीईटी संघर्ष समिति की बैठक में मंगलवार को छात्रों ने सरकार से अपील की है कि किसी भी सूरत में टीईटी परीक्षा परिणाम रद नहीं किया जाना चाहिए। अब तक यही बात सामने आयी है कि कुल मिलाकर 800 के आसपास ही दागी छात्र परीक्षा में सफल हुए हैं। इसकी भी पुष्टि की जानी है। इसके लिए दो लाख 70 हजार उत्तीर्ण छात्रों की किस्मत से खिलवाड़ करना न्यायसंगत नहीं होगा। संघर्ष समिति के अध्यक्षइन्द्रजीत पटेल और उपाध्यक्ष शिवनारायण वर्मा ने कहा कि कोई दागी छात्र किस तरह परीक्षा में सफल हुआ। उसके लिए कौन-कौन से अधिकारी जिम्मेदार हैं। इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि चयन का आधार प्रतिभा ही होनी चाहिए। प्रदेश में पहली बार आयोजित परीक्षाआरंभ से ही विवादों के घेरे मे रही है। छात्रों का आरोप है कि उनका हर तरह से मानसिक, आर्थिक और सामाजिक शोषण किया गया। कभी आवेदन-पत्र को लेकर परेशानी तो कभी प्रवेश पत्र और परीक्षाकेन्द्र को लेकर विवाद । हर विवाद में छात्रों का ही शोषण किया गया। सबको मालुम है कि लगभग 13 लाख छात्रों ने टीईटी परीक्षा दी । उसके बाद दो लाख 70 हजार छात्रों को उत्तीर्ण घोषित किया गया है। अब एक नई जानकारी सामने आ रही है कि फर्जीबाड़ा व घोटाले को लेकर कुछ लोग अदालत में जाकर टीईटी परीक्षा को ही रद कराना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि घोटाले की जांच हो। दोषियों को फांसी पर लटका दे सीबीआई लेकिन इसकी सजा निदरेष छात्रों को नहीं दिया जाना चाहिए। संघर्ष समिति के सदस्यों का कहना है कि नियमत: जब किसी परीक्षा के घोषित परीक्षाफल में बीस फीसदी स् अधिक छात्र दागी पाये जाते हैं , तब परीक्षा रद करने की मांग उठती है। सरकारी एजेंसियों का आकलन है कि टीईटी परीक्षा के कुल दागी छात्रों की संख्या 800 से एक हजार के बीच ही हो सकती है। यह संख्या कुल् सफल छात्रों के बीस फीसदी से बहुत कम है। लिहाजा अदालत को भी उत्तीर्ण छात्रों के भविष्य से सहानुभूति रखनी चाहिए। संघर्ष समिति के अधिकारियों ने प्रदेश भर के उत्तीर्ण छात्रों से अपील की है कि वह अपने करियर की रक्षा के लिए एकजुट हों। यदि छात्र अपनी न्यायसंगत बात उठाने में विफल रह गये तो उन्हें इसकी भार कीमत चुकानी पड़ सकती है। टीईटी अंकपत्रों में तकनीकी खामियों से छात्र परेशान वाराणसी।

टीईटी अंकपत्रों में तकनीकी खामियों से छात्र परेशान

वाराणसी। टीईटी परीक्षार्थियों की परेशानी कम होने की बजाय बढ़ती जा रही है। आज संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय द्वारा सैकड़ों छात्रों का अंकपत्र वितरित किया गया। छात्रों का कहना है कि दर्जनों छात्रों के अंकपत्रों में तकनीकी खामियां हैं। इसे ठीक कराने के लिए छात्रों को फिर इलाहाबाद तक चक्कर लगाना पड़ेगा। छात्र जयप्रकाश मिश्र के अंकपत्र में उसके नाम के आगे केएफई अंकित है। वह खुद नहीं समझपा रहा है कि यह क्यों अंकित है। इतना ही नहीं उसके पिता काशीनाथ मिश्रा का नाम भी अंग्रेजी में गलत अंकित है। मिश्रा में एच शब्द गायब हैं। इस तरह की तकनीकी समस्या सिर्फ एक छात्र के साथ नहीं है। इस तरह की तकनीकी खामी दर्जनों छात्रों के अंकपत्रों में पायी गयी है। इसे लेकर छात्र परेशान हैं, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि इस बारे में स्पष्टीकरण इलाहाबाद कार्यालय ही दे सकता है

परीक्षा से पहले ही बाहर हुए ढाई हजार विद्यार्थी

सामूहिक नकल और संबद्धता की गड़बड़ी के कारण लगी रोक
वाराणसी। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से संबद्घ विभिन्न कालेजों के करीब ढाई हजार विद्यार्थी परीक्षा शुरू होने से पहले ही बाहर हो गए हैं। सामूहिक नकल के आरोप में और संबद्घता में गड़बड़ी के कारण 41 कालेजों को प्रथम वर्ष की परीक्षा कराने पर रोक लगा दी गई है। जबकि कालेजों ने नए सत्र में प्रवेश ले लिया था।
संस्कृत विश्वविद्यालय से संबद्घ 22 कालेज पिछले साल की वार्षिक परीक्षा में सामूहिक नकल के आरोप में पकड़े गए थे। उड़ाका दलों की रिपोर्ट पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने इन कालेजों को प्रथम वर्ष की परीक्षा से फिलहाल बाहर रखने का फैसला लिया है। वहीं, कालेज प्रबंधकों और प्राचार्यों का कहना है कि इस निर्णय की सूचना उन्हें काफी देरी से दी गई है, जिस कारण उन्होंने अपने यहां प्रथम वर्ष में प्रवेश ले लिया है। वहीं, मध्यमा तक की संबद्घता के आधार पर सालों से परीक्षा फार्म भरवाने 19 कालेजों को भी फार्म नहीं दिए गए। इस हालत में इन कालेजों में प्रवेश ले चुके करीब 2500 विद्यार्थी फार्म भरने से वंचित हो गए हैं। व्यक्तिगत परीक्षा फार्म की तिथि भी समाप्त हो गई है, जिस कारण इन विद्यार्थियों के सामने अब कोई विकल्प नहीं बचे।
Source- Amar Ujala
22-2-2012

शासन ने मांगा बीएड का हिसाब

लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा कराई गई बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा-2010 में मनमाने ढंग से बांटी गई मानदेय की रेवड़ी जिम्मेदारों पर भारी पड़ सकती है। कर्मचारियों की अनियमितता एवं बंदरबांट की शिकायतों को शासन ने गंभीरता से लेते हुए लखनऊ विश्वविद्यालय से बीएड खर्च की पाई-पाई का हिसाब मांगा है। अभी तक लविवि प्रशासन इस जानकारी को छुपाने में लगा हुआ था।
बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा-2010 कराने की जिम्मेदारी लखनऊ विश्वविद्यालय को मिली थी। इस दौरान छात्रों से बीएड प्रवेश परीक्षा की फीस के नाम पर 50 करोड़ से अधिक धनराशि लविवि के खाते में आई थी। प्रवेश परीक्षा अव्यवस्था एवं अनियमितता की शिकार हो गई थी। पहले बीएड का पर्चा लीक होने से परीक्षा टालनी पड़ी। बाद में जब दुबारा परीक्षा हुई तो अर्हता विवाद में 1.40 लाख से अधिक अभ्यर्थी ठगे गए। इनसे फीस के नाम पर ली 11 करोड़ से अधिक की धनराशि भी लविवि प्रशासन ने दबा ली। खेल यहीं नहीं रुका और काउंसलिंग के दौरान जिम्मेदारों की गलती के चलते सीट कन्फर्मेशन के नाम पर 4000 से अधिक मेधावियों का भविष्य दांव पर लग गया। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद किसी तरह फैसला छात्रों के हक में आ सका। लविवि प्रशासन पर जो सबसे बड़ा आरोप लगा वह है मानेदय के नाम पर मनमानी भुगतान का। कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों के खाते में मानदेय के नाम पर लाखों रुपये गए। हालांकि किसको कितना मानदेय मिला और उसका आधार क्या था इस पर लविवि लगातार पर्दा डाले रहा। कर्मचारी परिषद का आरोप है कि मानदेय भुगतान में खेल का आलम यह है कि जो अधिकारी बीएड आयोजन के समय विश्वविद्यालय में थे ही नहीं उन्होंने भी बाद में आकर मानदेय की मलाई काटी। सूचना के अधिकार के साथ ही कर्मचारी संघ एवं अन्य फोरम द्वारा बार-बार बीएड मानदेय भुगतान का विवरण मांगे जाने के बाद भी उनको निराशा हाथ लगी और लविवि ने जानकारी नहीं दी। कर्मचारी संघ द्वारा इसको आंदोलन का मुद्दा बनाए जाने के बाद शासन ने लविवि से विस्तृृत ब्योरा तलब किया है। उच्च शिक्षा सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय से बीएड में हुए खर्च एवं मदों की विस्तृत जानकारी मांगी गई है।
Source- Amar Ujala
22-2-2012

चयन बोर्ड ने गठित की तीन सदस्यीय जांच समिति

इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड द्वारा घोषित प्रशिक्षित स्नातक के परीक्षा परिणाम पर सवाल उठने के बाद चयन बोर्ड ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी है। अध्यक्ष ने कहा है कि चयन समिति की जांच में यदि इस प्रकार की कोई गड़बड़ी सामने आती है तो जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्रतियोगी छात्रों ने आरोप लगाया है कि चयन बोर्ड के एक सदस्य के बेटे को बिना लिखित परीक्षा में पास हुए साक्षात्कार दिलवाया गया और वह अंतिम रूप से सफल भी हो गया। यही नहीं उसे गृह जनपद में तैनाती भी दे दी गई। अभ्यर्थियों का तो यहां तक आरोप है कि कई और छात्रों के भी बिना लिखित परीक्षा में सफल हुए अंतिम रूप से चयनित कर दिया गया। प्रतियोगी छात्रों ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर ली है।
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. आरपी वर्मा का कहना है कि सामाजिक विज्ञान का परिणाम घोषित होने के बाद भी कुछ अभ्यर्थी जो लिखित परीक्षा में असफल थे उन्होंने पुर्नमूल्यांकन के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। पुर्नमूल्यांकन के बाद ऐसे अभ्यर्थियों की ओएमआर की पुन: जांच कराई गई थी, जिसमें कुछ अभ्यर्थी सफल घोषित हुए हैं। ऐसे सफल अभ्यर्थियों में एक सदस्य का बेटा भी शामिल है। बोर्ड की परीक्षाओं में सभी समान रूप से शामिल होने का हक है, फिर चाहे वह किसी सदस्य या अध्यक्ष का बेटा ही क्यों न हो। परीक्षा में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाता।
Source- Jagran
22-2-2012

हटेंगी प्रभा, दूसरे सचिव की नियुक्ति तय

वरिष्ठ संवाददाता, इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा परिषद की सचिव प्रभा त्रिपाठी का टीईटी घोटाले में नाम आने और हाईकोर्ट में गिरफ्तारी से बचने के लिए याचिका दायर करने के बाद उनका इस पद से हटना तय माना जा रहा है। यही कारण है कि यूपी बोर्ड का अगला सचिव कौन होगा, यूपी बोर्ड दफ्तर में इस बात की चर्चा जोरों पर है। सचिव के पद पर कई नाम भी चर्चा में भी आ गए हैं।
माध्यमिक शिक्षा परिषद के सभापति संजय मोहन के गिरफ्तार होने के बाद सचिव गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट पहुंच गई हैं। इस मामले की एक सुनवाई भी हो चुकी है, जिसमें हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने सरकार से टीईटी घोटाले में अब तक हुई जांच की प्रगति के बारे में राज्य सरकार को जानकारी देने को कहा है। मामले की सुनवाई 24 फरवरी को होगी।
ऐसे में यह मामला अभी लंबा चलेगा। सचिव प्रभा त्रिपाठी इस बीच गिरफ्तार भी हो सकती हैं। वह एक सप्ताह से अधिक समय से कार्यालय भी नहीं आ रही हैं। यही कारण है कि 16 मार्च से प्रदेश में प्रस्तावित यूपी बोर्ड की परीक्षा तैयारियां प्रभावित होने लगी हैं। सचिव का कार्यभार भी अभी किसी के पास नहीं है। ऐसे में बोर्ड परीक्षा से संबंधित कई निर्णय फंसे हुए हैं।
ज्ञातव्य है कि शिक्षक पात्रता परीक्षा में शुरू से ही विवाद और गड़बड़ियों के बाद कहीं बोर्ड परीक्षा में फजीहत न हो जाए इस बात को लेकर शासन अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है। सूत्रों के मुताबिक शासन इस मामले में कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहता। यही कारण है कि शासन माध्यमिक शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों के नामों पर सहमत भी हो गया है, पर अभी अंतिम मुहर नहीं लगी है।
शासन इस बात पर विचार कर रहा है कि अब बोर्ड परीक्षा में कम समय बचा है। ऐसे में किसी ऐसे व्यक्ति को सचिव के पद पर नियुक्त करना, जोकि बोर्ड के कामों की बारीकियों से परिचित न हो कतई नहीं चाहेगा। यही कारण है कि बोर्ड के एक अपर सचिव स्तर के अधिकारी को सचिव बनाए जाने पर सर्वाधिक चर्चा है।
Source- Jagran
22-2-2012

Tuesday, 21 February 2012

CASE STATUS RELATED TO SMT. PRABHA TRIPATHI


कुछ आरोपों के कारण पूरी परीक्षा रद करना ठीक नहीं- DELHI HIGHCOURT

नई दिल्ली, जासं : यह ठीक है कि एम्स पीजी प्रवेश परीक्षा में कुछ गड़बड़ियां सामने आई हैं, लेकिन इतने भर से देश भर में आयोजित की गई प्रवेश परीक्षा को रद करना ठीक नहीं हैअगर गड़बड़ी हुई है तो उसकी ठीक प्रकार से जांच होनी चाहिए। यह टिप्पणी करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति हिमा कोहली की कोर्ट ने एम्स प्रवेश परीक्षा को रद करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया।
आठ जनवरी को देश भर के 156 केंद्रों पर एम्स पीजी प्रवेश परीक्षा संपन्न हुई थी, जिसमें नोएडा सहित कुछ जगहों पर पर्चा लीक होने की बात सामने आई थी। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच मामले की जांच कर रही है और आधा दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसी मामले को लेकर कुछ उम्मीदवारों ने प्रवेश परीक्षा को रद करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने भी जांच में कहीं नहीं पाया है कि एम्स पीजी की पूरी प्रवेश परीक्षा को ही रद कर देना चाहिए। देश भर में 69069 छात्रों ने प्रवेश परीक्षा दी थी।
 Source- Jagran (21-2-2012)


SEE COURT DETAIL-


 * IN THE HIGH COURT OF DELHI AT NEW DELHI + W.P.(C) 638/2012 and CM 1375/2012 Decided on: 10th February, 2012 IN THE MATTER OF DR. PRASHANT DASS AND ORS. ..... Petitioners Through: Mr. O.P. Gulabani, Advocate versus UOI AND ORS. ..... Respondents Through: Mr. Asit Tiwari, Advocate for R-1/UOI. Mr. Mehmood Pracha, Advocate with Mr. Sumit Babbar and Mr. Sahil Singh Chauhan, Advocates for R-2/AIIMS. CORAM HON'BLE MS.JUSTICE HIMA KOHLI HIMA KOHLI, J. (Oral) 1. The present petition is filed by five petitioners praying inter alia for quashing of the All India Post Graduate Medical Entrance Exxamination-2012 (in short ‘the ÁIPGMEE-2012), held simultaneously in 156 centres all over the country on 08.01.2012. The petitioners have also sought directions to respondent No.2/AIIMS to evolve a mechanism to prevent recurrence of such an incident of cheating in the entrance examination, which occurred in a Centre at Noida, as noted in the press clippings.
2. On 31.01.2012, counsel for respondent No.2/AIIMS had stated on instructions that a letter dated 24.01.2012 had been addressed by the Sub-Dean (Examination), AIIMS to the Director General, Directorate General
W.P.(C) 638/2012 Page 2 of 5
of health Services, Ministry of Health and Family Welfare, Government of India, stating inter alia that the incident of cheating in respect of the All India Post Graduate Medical Entrance Examination-2012 held on 08.01.2012 was found to have occurred only at one examination centre situated at Noida and that the Centre Supervisor at the said centre had submitted a comprehensive report, which was in turn forwarded for investigation to the Crime Branch, Delhi Police. The report of the investigation was awaited. In the report dated 10.01.2012 prepared by the Centre Supervisor at the Noida Examination Centre, a mention was made of three candidates from whose possession, some electronic gadgets were recovered by the police after investigation. Though on the last date, it was stated by the counsel for respondent No.2/AIIMS that apart from the aforesaid stray incident that took place only in one centre at Noida and the examinations in all the remaining 155 examination centres were held peacefully and without any hindrance, respondent No.2/AIIMS was directed to file a brief affidavit in that regard.
3. An affidavit has been filed by respondent No.2/AIIMS on 08.02.2012, wherein it is stated that the entrance examination in all the centres all over the country had commenced at 10 AM on 08.01.2012 and that the examination went on smoothly at all centres except at the Noida centre situated at Vishwa Bharti Public School, Arun Vihar, Sector-28. When the examination was in progress at the aforesaid centre, at about 10:20 AM,
W.P.(C) 638/2012 Page 3 of 5
out of the two invigilators in the Noida centre, one invigilator had reported that one candidate possessed a mobile phone, which was subsequently confiscated and handed over to the Centre Supervisor, who in turn informed the AIIMS examination control room about the incident. At 11:30 AM on the same date, four officers from the Crime Branch, Delhi Police came to AIIMS with the scanned copy of the questions so as to verify as to whether the questions in the scanned document matched with the original booklet of AIPGMEE-2012. Upon scrutiny of the documents, it was observed that 2-3 pages of the question booklet appeared to have been scanned, which also contained the images of a ball pen that is supplied by AIIMS for use by the candidates appearing in the said examination. Later on, it was revealed that the AIIMS representative, who was supervising the Noida Centre, had deposited a seizure report of the mobile phone that had been seized from a candidate and the said phone was in turn handed over to the Crime branch officials, who had visited the centre later on and had apprehended the candidate found to be cheating in the examination. It is further averred in the affidavit that the Crime Branch, Delhi Police has interrogated the said candidate and two other candidates and some electronic gadgets were recovered by the Crime Branch from all the three candidates. It is stated that the matter continues to remain under investigation of the Crime Branch, Delhi Police.
W.P.(C) 638/2012 Page 4 of 5
4. In view of the averments made in the aforesaid affidavit filed by respondent No.3/AIIMS, it is apparent that the incident of cheating is found to have occurred on 8.1.2012 only at one examination centre and that too in a centre which was situated at Noida, where a mobile phone is stated to have been recovered from one candidate and some electronic gadgets were recovered from two candidates. Apart from the aforesaid incident, the AIPGMEE-2012 appears to have been conducted peacefully all over the remaining 155 examination centers. A total number of 71,968 candidates are stated to have applied for sitting in the aforesaid examination and 69,069 candidates had actually appeared in the said examination. It is also pertinent to note that the examination centre of none of the five petitioners herein was situated at Noida. Rather, upon inquiry, the Court is informed that the centre from where petitioner No.1 had sat for taking his examination was located at Rajouri Garden, that of petitioner No.2 was at JNU Centre, that of petitioner No.3 was at Vivek Vihar, that of petitioner No.4 was at Tagore Garden and that of petitioner No.5 was near Karkardooma Courts.
5. Merely an apprehension expressed by the petitioners that they would suffer irreparable loss and injury in the event of a scam, which scam is under investigation by the Crime Branch, Delhi Police, cannot be considered as sufficient ground for quashing the AIPGMEE-2012 held on

08.01.2012 for 69,069 candidates all over the country. When the magnitude of the aforesaid incident is still unknown and the investigations are on, the present petition can only be termed as one based on surmises and conjectures. As a result, the present petition is dismissed alongwith the pending application, as being premature and without any basis. 
(HIMA KOHLI)
JUDGE FEBRUARY 10, 2012 JUDGE

http://lobis.nic.in/dhc/HK/judgement/18-02-2012/HK10022012CW6382012.pdf

टीईटी मामले में पुलिस ने तेज की सचिव प्रभा त्रिपाठी की तलाश

लखनऊ। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में करोड़ों की धांधली के मामले में रमाबाईनगर पुलिस को माध्यमिक शिक्षा परिषद की सचिव प्रभा त्रिपाठी की तलाश और तेज कर दी है। पुलिस ने उन्हें तीन बार कानूनी समन भेजा है पर वे उपस्थित नहीं हो रही हैं। इसके विपरीत सचिव ने अदालत में गिरफ्तारी के खिलाफ स्थगनादेश के लिए अपील कर दी है। इस मामले में परिषद के कुछ अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों की संलिप्तता सामने आने के आसार बन गए हैं। पुलिस इसके लिए जरूरी साक्ष्यों को जुटाने की कोशिश कर रही है। उधर, रमाबाईनगर की पुलिस मामले की तफ्तीश को जल्द से जल्द पूरा कर गिरफ्तार संजय मोहन के खिलाफ चार्जशीट तैयार करने की कवायद में भी जुट गई है।
सचिव होने के कारण टीईटी से संबंधित सभी पत्रावलियां प्रभा त्रिपाठी के सामने से होकर और उनके हस्ताक्षरों से ही आगे जाती थीं। पुलिस ने इस मामले की गड़बड़ी सामने आने पर छानबीन की तो उसे दस्तावेजों पर हुए कई आदेशों व निर्देशों के बारे में स्पष्टीकरण की जरूरत पड़ी। इस पर रमाबाईनगर पुलिस ने सचिव से सहायता मांगी पर उनसे सहयोग नहीं मिला।
असहयोग सामने आने पर पुलिस ने उन्हें सात फरवरी को विधिक समन भेजा। इस समन पर भी जब वे हाजिर नहीं हुईं तो 14 फरवरी को दूसरा समन भेजा गया। फिर भी हाजिर नहीं हुईं तो पुलिस ने 18 फरवरी को तीसरा समन परिषद के निदेशक को रिसीव कराया गया। तब भी प्रभा त्रिपाठी ने पुलिस से संपर्क नहीं किया। पिछले दिनों जब पुलिस संजय मोहन को रिमांड पर लखनऊ लाई थी तब उसने प्रभा त्रिपाठी को भी तलाश करने की कोशिश की थी, पर वह न अपने घर पर मिलीं न कार्यालय में। पुलिस को कार्यालय से पता चला कि निदेशक संजय मोहन की गिरफ्तारी के अगले दिन से ही प्रभा त्रिपाठी दफ्तर नहीं आ रही हैं।
इस बीच पुलिस को यह भी जानकारी मिली कि प्रभा त्रिपाठी ने उच्च अदालत में खुद को गिरफ्तार किए जाने का अंदेशा जताते हुए इसके विपरीत स्थगनादेश के लिए दरख्वास्त दे दी है। उनकी दरख्वास्त पर 24 फरवरी को सुनवाई होनी है। इस बीच पुलिस ने प्रभा त्रिपाठी से पूछने के लिए सवालों का एक सेट तैयार किया हुआ है। इस सेट के लगभग बीस सवालों का जवाब जानने के लिए पुलिस उस दिन भी प्रभा त्रिपाठी से संपर्क करेगी, जिस दिन अदालत में सुनवाई होनी है।
इस बीच संजय मोहन के साले व उनके निजी सचिव की तलाश का सिलसिला जारी है। पुलिस उनके जरिए कई अहम सबूतों को हासिल करने की उम्मीद कर रही है। साथ ही इनसे पूछताछ में धांधली से आई रकम के बारे में जानकारी सामने आने की संभावना है।
रोक के बावजूद हुईं शिक्षकों की अवैध नियुक्तियां!
लखनऊ। राजधानी के माध्यमिक विद्यालयों की संबद्ध प्राइमरी शाखा में रोक के बावजूद शिक्षक पदों पर नियुक्तियां कर ली गई हैं। यह आरोप शिक्षक संघ की जिला इकाई ने लगाया है। शिक्षक संघ का कहना है कि शिक्षा विभाग के अधिकारी करीब 11 पदों पर गुपचुप नियुक्तियों की साजिश रच रहे हैं। यही नहीं एक पद पर नियुक्ति को अनुमोदन देकर उसका वेतन भी जारी कर दिया गया है। शिक्षक नेताओं ने तय किया है कि वह इस मामले में लोकायुक्त व पुलिस महानिदेशक से शिकायत करके नियुक्तियों की जांच कराने की मांग करेेंगे।
वैसे इन नियुक्तियों के लिए अक्टूबर में गुपचुप विज्ञापन जारी होने होने का खुलासा अमर उजाला ने किया था। उस समय न केवल टीईटी घोटाले में फंसे शिक्षा निदेशक संजय मोहन बल्कि माध्यमिक शिक्षा सचिव ने भी नियुक्तियों को अवैध बताते हुए निरस्त कर दिया था। उधर, डीआईओएस उमेश त्रिपाठी का कहना है कि शिक्षक नेताओं के आरोप गलत हैं। अक्टूबर में जारी शिक्षक भर्ती विज्ञापन को उसी समय शासन से निरस्त कर दिया गया था। ऐसे में किसकी हिम्मत है कि गलत नियुक्ति करे। उनके मुताबिक यह सब उन्हें फंसाने की साजिश है। 
Source-Amar Ujala

788 स्कूलों पर फर्जी पंजीकरण की गाज

इलाहाबाद। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल, इंटरमीडएट परीक्षा के लिए फर्जी पंजीकरण कराने वाले प्रदेश के 788 स्कूलों के खिलाफ शासन ने सख्त कदम उठाया हैसवा लाख फर्जी छात्रों को प्रवेश दिलाने और परीक्षा फॉर्म भराने वाले विद्यालयों को केंद्र सूची से बाहर कर दिया गया है। जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि एक हफ्ते में उन स्कूलों के स्थान पर नए परीक्षा केंद्र बनाए जाएं और उसकी सूचना बोर्ड के परीक्षा सेल को दे दी जाए। शासन ने संबंधित विद्यालयों के प्रधानाचार्य और संचालकों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई का फैसला किया है।
यूपी बोर्ड के स्कूलों में अबकी एक लाख 29 हजार फर्जी छात्रों का प्रवेश किया गया और परीक्षा फॉर्म भरवा दिया गया। पंजीकरण सूची और नौवीं, ग्यारहवीं के एवार्ड ब्लैंक के मिलान से सामने आया कि छात्रों का दाखिला फर्जी है। शासन ने अपर निदेशक स्तर के अधिकारियों से इसकी जांच करवाई जिसमें फर्जी पंजीकरण की पुष्टि हुई। जांच रिपोर्ट के बाद शासन ने फर्जी पंजीकरण करने वाले स्कूलों का नाम केंद्र सूची से काट दिया है, साथ ही निर्देश दिया है कि वहां के शिक्षकों को किसी भी तरह की ड्यूटी नहीं दी जाएगी।
रिपोर्ट में विद्यालयों को लेकर गंभीर टिप्पणियां की गई हैं। उनमें से ज्यादातर पर पिछली परीक्षाओं में पेपर आउट कराने, सामूहिक नकल कराने, केंद्र व्यवस्थापक से मारपीट करने के आरोप हैं। दाखिले पूरी तरह फर्जी पाए जाने के बाद विद्यार्थियों को परीक्षा प्रक्रिया से बाहर करने की तैयारी है। जांच और कार्रवाई से जुड़े एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि शासन ने फर्जी पंजीकरण वाले छात्रों का प्रवेश पत्र न जारी करने का मन बनाया है। बुधवार को परीक्षा को लेकर संभावित बैठक में इस पर मुहर लग सकती है।
Source-Amar Ujala (21-2-2012)

19 कालेजों के संबद्घता संबंधी दावे खारिज

वाराणसी। संबद्धता का दावा जताने वाले 19 कालेजों के प्रपत्र सही नहीं पाए गए, जिस कारण संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय प्रशासन इनके दावे खारिज करते हुए परीक्षा फार्म की अनुमति नहीं प्रदान की। जांच में सिर्फ दो कालेज के प्रपत्र सही मिले और उन्हें फार्म भरवाने के लिए अनुमन्य कर दिया गया है।
एक दशक पहले उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत बोर्ड बनने पर संस्कृत विश्वविद्यालय से संबद्ध प्रदेश के 82 कालेजों ने बोर्ड से संबद्धता ले ली थी। कुछ दिनों पहले संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा संबद्धता की नए सिरे से जांच कराए जाने पर लगभग दो दर्जन कालेज ऐसे पाए गए जो संस्कृत बोर्ड से संबद्ध होने के बावजूद विश्वविद्यालय से शास्त्री और आचार्य के फार्म भरवाते रहे हैं। जांच के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस साल इन कालेजों को अपने यहां से फार्म देने पर रोक लगा दी तो कालेजों ने विश्वविद्यालय से संबद्धता प्राप्त होने का दावा पेश किया और फार्म भरने की अनुमति मांगी। कुलपति प्रो. बिंदा प्रसाद मिश्र ने इनके दावों की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी और कालेजों को समस्त अभिलेख उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। अभिलेखों की जांच में सिर्फ दो कालेजों के अभिलेख सही पाए गए। इन्होंने संस्कृत बोर्ड के साथ विश्वविद्यालय से भी संबद्धता का विकल्प भरा था। इसलिए उन्हें फार्म भरवाने की अनुमति दे दी गई। जबकि 19 कालेजों ने विश्वविद्यालय को संबद्घता के लिए विकल्प दिए बिना संबद्घता के दावे पेश कर रहे थे। इन कालेजों की ओर से कोई सक्षम प्रमाण नहीं पेश किए जा सके।
Source-AmarUjala (21-2-2012)

कल से आनलाइन होंगे फर्स्ट ईयर के फार्म

मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने प्राइवेट और रेग्युलर के फर्स्ट ईयर के फॉर्म आनलाइन भरने के लिए तिथि घोषित कर दी है। 22 फरवरी से फार्म विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर आनलाइन हो जाएंगे। फॉर्म 27 फरवरी तक भरे जाएंगे।
2012 की मुख्य परीक्षा के लिए इन दिनों प्राइवेट और रेग्युलर में फर्स्ट ईयर छोड़कर बाकी सभी के फॉर्म भरे जा रहे हैं। आखिरी तारीख 22 फरवरी है। ग्रेजुएशन में फर्स्ट ईयर में इस बार कॉमन मिनिमम सिलेबस तय हुआ है। साथ फॉर्म न भरवाने की वजह ये थी कि पिछले साल घालमेल हो गया था। इससे खासी परेशानी हुई थी। सर्वर पर भी अधिक लोड हो गया था। सोमवार को फर्स्ट ईयर के फार्म भरने की तिथि घोषित की गई है। रेग्युलर में बीए, बीएससी, बीकॉम, बीएससी एजी और बीएससी फिजीकल एजूकेशन, प्राइवेट में बीए, बीकॉम आदि के छात्र 22 फरवरी से फार्म भर सकेंगे। आनलाइन 27 फरवरी तक फार्म डाउनलोड किए जा सकते हैं। चालान फॉर्म से बैंकों में फीस जमा करने की आखिरी तारीख 29 फरवरी है। कॉलेजों में फॉर्म एक मार्च तक जमा होंगे। कॉलेज और संस्थान पांच मार्च तक विश्वविद्यालय में जमा कर सकते हैं। एकल विषय, बैक पेपर और इंप्रूवमेंट चाहने वाले छात्र भी फार्म भर सकते हैं।
Source-Amar Ujala (21-2-2012)

टीईटी घोटाले पर सरकार दे जवाब : हाईकोर्ट

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : टीईटी घोटाले में आरोपी बनी प्रभा त्रिपाठी की गिरफ्तारी पर रोक के लिए दाखिल याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। इस मामले में 24 फरवरी को अगली सुनवाई होगी।
यूपी माध्यमिक शिक्षा परिषद की सचिव प्रभा त्रिपाठी की गिरफ्तारी से रोक के लिए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस डीपी सिंह व जस्टिस वीपी पाठक की खंडपीठ ने यह आदेश दिया है। कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि टीईटी घोटाले में अभी तक जो जांच की प्रगति है, इसके बारे में राज्य सरकार बताए। इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 24 फरवरी कोर्ट मुकर्रर की हैं। उल्लेखनीय हैं कि रमाबाई नगर की पुलिस ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन को शिक्षक पात्रता परीक्षा में घोटाले के आरोप में गिरफ्तार किया था। उसके बाद रमाबाई नगर के एसपी द्वारा डीजीपी अतुल कुमार को मामले से अवगत कराया गया था। संदेह के आधार पर पुलिस ने पूछताछ के लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद की सचिव प्रभा त्रिपाठी को भी आरोपी बनाकर पूछताछ के लिए बुलाया था। इस मामले में गिरफ्तारी पर रोक से बचने के लिए सचिव ने हाईकोर्ट की शरण ली।
Source-Jagran 21-2-2012

टीजीटी सामाजिक विज्ञान के रिजल्ट पर उठे सवाल

इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड द्वारा हाल ही में घोषित प्रशिक्षित स्नातक के परीक्षा परिणाम पर सवाल उठने लगे हैं। प्रतियोगी छात्रों ने आरोप लगाया है कि चयन बोर्ड के एक सदस्य के बेटे को बिना लिखित परीक्षा में पास हुए साक्षात्कार दिलवाया गया और उसे गृह जनपद में तैनाती भी दे दी गई। इसके अलावा कई और छात्रों के भी बिना लिखित परीक्षा में सफल हुए अंतिम रूप से चयनित कर दिया गया। प्रतियोगी छात्रों ने इसे घोर अनियमितता बताया है और इसके खिलाफ हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर ली है।
सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि सिर्फ एक ही नहीं कई और 'खास' अभ्यर्थियों को भी बिना लिखित परीक्षा पास हुए अंतिम रूप से चयनित कर दिया गया है। ज्ञातव्य है कि इससे पूर्व भी अभ्यर्थी प्रशिक्षित स्नातक के सामाजिक विज्ञान में अनियमितता का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। अभ्यर्थी जल्द ही इस परीक्षा परिणाम के खिलाफ हाईकोर्ट की शरण लेंगे।
source-Jagran 21-2-2012

Monday, 20 February 2012

टीईटी उ‌र्त्तीण अभ्यर्थियों ने बनाया संगठन

महराजगंज:
शिक्षक पात्रता परीक्षा पास अभ्यर्थियों ने रविवार को बीआरसी में एकत्र हो संगठन का गठन किया। महेंद्र कुमार वर्मा को जिला अध्यक्ष व बृजेश यादव को जिला उपाध्यक्ष चुना गया।
इसके अलावा राकेश कुमार को जिला सचिव, मदन यादव को जिला मंत्री, चंद्र प्रकाश पटेल को मीडिया प्रभारी का दायित्व दिया गया। साथ ही ब्लाक स्तर पर भी संगठन का गठन हुआ जिसमें सुशील वर्मा को सदर, गोविंद कुमार गुप्ता को निचलौल, मुकेश दुबे को फरेंदा, मनोज भाष्कर को सिसवा, उवधेश जायवाल को परतावल, अनिल कुमार को मिठौरा, सीता राम पटेल को घुघली, रामनरायन को धानी, विजय प्रकाश को नौतनवा का ब्लाक अध्यक्ष बनाया गया।
इस मौके पर महेंद्र कुमार वर्मा ने कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया जारी करने के लिए एक साथ प्रदेश व्यापी आंदोलन किया जाएगा। इसके बाद भी मांग पूरी नहीं हुई तो न्यायालय का दरवाजा खटखटाने से भी अभ्यर्थी पीछे नहीं हटेंगे। चंद्र प्रकाश ने कहा कि टीईटी उ‌र्त्तीण लोगों का दुख सुनने वाला कोई नहीं है। इसकी कीमत जिम्मदारों को चुकानी पड़ेगी। गोविंद कुमार ने कहा कि सफलता के लिए संघर्ष जरूरी है।
मौके पर सुशील वर्मा, मनीष कुमा पटेल, राजीव श्रीवास्तव, सीता राम पटेल, राजकुमार पटेल, संजय साहनी, इंदल प्रसाद, हरि प्रकाश, प्रवीण, रामाकांत, जनार्दन सिंह, दयानंद सागर, मनोज, प्रमोद, शेषनाथ, कमलेश, संत कुमार, अतुल नायक, अमित प्रकाश आदि लोग मौजूद रहे।
source- Jagran

भर्ती प्रक्रिया बदली तो जाएंगे अदालत

फैजाबाद। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने परीक्षा निरस्त किए जाने अथवा भर्ती प्रक्रिया में बदलाव पर अदालत का दरवाजा खटखटाने की चेतावनी दी है। इसके साथ ही उन्होंने मेरिट के आधार पर भर्ती प्रक्रिया जारी रखने की मांग की है। रविवार को गुलाबबाड़ी पार्क में आयोजित बैठक में अभ्यर्थियों ने कहा कि यूपी बोर्ड के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों की कारस्तानी के चलते उत्तीर्ण छात्रों की मेहनत पर पानी पड़ने के आसार दिखने लगे हैं। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि प्रक्रिया की जांच कराके भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और जिन अभ्यर्थियों के परीक्षा फल में धांधली की गई है। उनको प्रक्रिया से बाहर किया जाए। विशिष्ट बीटीसी भर्ती प्रक्रिया टीईटी मेरिट के आधार पर जारी रखने की मांग रखते हुए लोगों ने कहा कि विशिष्ट बीटीसी का विज्ञापन रद किया जाता है और भर्ती प्रक्रिया में बदलाव किया जाता है तो अभ्यर्थी अदालत का सहारा लेंगे। बैठक में अनिल कुमार मौर्य, अमृतांश श्रीवास्तव, रामधीरज मौर्य, आलोक द्विवेदी, सूर्यभान पांडेय, रविशंकर शुक्ल, प्रीत सिंह, अनिल कुमार वर्मा, रितु सिंह, रघुराज त्रिपाठी, विकास श्रीवास्तव, अनिल तिवारी, अदिवेश, अशोक कुमार यादव, रविंद्र आदि मौजूद रहे।
20-2-2012
 http://www.amarujala.com/city/Faizabad/Faizabad/Faizabad-28627-126.html

टीईटी अभ्यर्थियों में असंतोष बढ़ा

Monday, February 20, 2012   

गागलहेड़ी। उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करने के बावजूद अध्यापक बनने के लिए अब तक नियुक्ति प्रक्रिया की स्थिति स्पष्ट नहीं होने के कारण टीईटी अभ्यर्थियों में भारी रोष है। इसी मसले को लेकर रविवार को हुई टीईटी संघर्ष मोर्चा की बैठक में कहा गया कि अभ्यर्थियों को यह तो स्पष्ट किया जाए कि चुनाव के बाद उन्हें शिक्षक बनाया भी जाएगा या नहीं। चयन प्रक्रिया में देरी पर मोर्चा ने चेतावनी दी कि यदि अभ्यर्थियों को इंसाफ नहीं मिल पाया तो वे अदालत जाएंगे।
कस्बे के मुजफ्फरनगर रोड स्थित एसआर पब्लिक स्कूल परिसर में हुई बैठक में मोर्चा के जिला अध्यक्ष अजय प्रताप सिंह ने कहा कि प्रदेश में टीईटी एग्जाम देने वाले लाखों अभ्यर्थी इस समय असमंजस की स्थिति में हैं। नियुक्ति की स्थिति स्पष्ट नहीं होने के कारण अभ्यर्थी असमंजस में हैं। उन्होंने टीईटी अभ्यर्थियों को एकजुट होने का आह्वान करते हुए कहा कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलता वे संघर्ष से पीछे नहीं हटें। कार्यक्रम में मनोज यादव, विनय शर्मा, प्रदीप धीमान, अमित शर्मा, सुनील धीमान, तेग सिंह, शिव चरण, प्रवेश पांचाल, प्रदीप पौड़वाल, सचिन यादव, नितिन कुमार आदि रहे। 

87 विद्यालयों के इंटर छात्रों की फोटो फार्म से हो गई गायब

फैजाबाद। टीईटी परीक्षा में गड़बड़ी का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ कि माध्यमिक शिक्षा परिषद की बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले 87 विद्यालयों के छात्रों की फोटो फार्म से गायब मिली है। फोटो गायब होने के मामले पर भी गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है। जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय की मानें तो जिले के 81 विद्यालयों के संस्थागत छात्रों व 6 व्यक्तिगत परीक्षा फार्म के अग्रसारण केंद्र के छात्रों की फोटो बोर्ड में नहीं मिल रही। बोर्ड ने इन छात्रों के फार्म की फोटो मिसिंग में डाल दिया है। परिषद की सूचना पर डीआईओएस कार्यालय ने अपने वाहक को भेज कर बोर्ड से मिसिंग फोटो वाले विद्यालयों की सूची मंगवाई है। सूत्रों की मानें तो फोटो मिसिंग के पीछे नकल माफियाें का हाथ हो सकता है। जानकार इसे बोर्ड का खेल मान रहे हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक शिवपूजन पटेल ने जानकारी देते हुए कि जिले के जिन विद्यालयों के छात्रों के फोटो मिसिंग हैं, उनकी सूची बोर्ड से प्राप्त कर विद्यालयों को भेजी जा रही है। विद्यालयों से मंगलवार तक कार्यालय सूची प्राप्त कर बुधवार तक कार्यालय में फोटो सहित फार्म जमा कराना होगा। इसके लिए विद्यालयों को भी सूचना भेज दी गई है। विद्यालयों के प्रधानाचार्यों की मानें तो उनके स्तर से फोटो लगा कर भेजे गए थे।
 http://www.amarujala.com/city/Faizabad/Faizabad-28542-126.html

पूर्व शिक्षा निदेशक व सचिव के करीबियों पर नजर!

Monday, February 20, 2012    

फैजाबाद। अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) घोटाले की जांच में पूर्व शिक्षा निदेशक व माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव के करीबियों पर खास नजर है! यहां पहुंची जांच टीम की कार्रवाई कुछ इसी ओर इशारा कर रही है। जिले में पात्रता परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायत की असलियत भी जांच के दायरे में है। यह गड़बड़ी प्रायोजित थी या फिर स्वाभाविक, यह सवाल जांच करने वाले लोगों के जेहन में है। परीक्षा के दौरान पूर्व शिक्षा निदेशक व सचिव के फोन की कॉलडिटेल भी शिक्षा विभाग के अफसरों के लिए मुश्किल का कारण बन सकती है। अगले कुछ दिनों में किसी बड़े खुलासे से भी इनकार नहीं किया जा रहा है। जांच टीम वापस लौट जाने के बाद भी हलचल थमने का नाम नहीं ले रही है। अध्यापक पात्रता परीक्षा पिछले 13 नवंबर को आयोजित हुई थी। परीक्षा के दौरान जिले के परीक्षा केंद्रों पर खासी अव्यवस्था की स्थिति बन गई थी। कुछ केंद्रों पर प्रश्नपत्रों के वितरण और दूसरी खामियों को लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग कई घंटे तक जाम रहा था। देहात क्षेत्र के लगभग दर्जन भर केंद्रों पर दूसरी पाली की परीक्षा के प्रश्नपत्र पहली पाली में ही वितरित कर दिए जाने के आरोप रहे। इसे लेकर भी प्रदर्शन व नारेबाजी हुई थी। विभाग ने शिकायत के बाद इनमें से चार केंद्रों पर पुनर्परीक्षा भी कराई। इसके बाद इसकी लिखापढ़ी हुई थी। परीक्षा परिणाम न घोषित होने को लेकर परीक्षार्थियों से घेराव की नौबत बनी। इनके प्रत्यावेदन प्राप्त कर बोर्ड को भेजे गए थे। इसको लेकर भी फैजाबाद का रफ्त-जफ्त बोर्ड से कुछ ज्यादा रही। यहां से भेजी गई रिपोर्टों का खाका भी जांच के दायरे में बताया गया है। टीईटी में घपले को लेकर पूर्व शिक्षा निदेशक संजय मोहन की गिरफ्तारी व पुलिस रिमांड के बाद जांच टीम का फैजाबाद आना महज संयोग नहीं है। इसका खास मकसद भी रहा है। जांच टीम के सूत्रों की मानें तो अगले कुछ दिनों में कुछ और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं। पुन: जांच टीम के यहां आने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक टीम परीक्षा के दौरान हुई गड़बड़ी की असलियत तो तलाश ही रही है। परीक्षा में गड़बड़ियां प्रायोजित थी या फिर महज संयोग भर रहीं। यहां की रिपोर्टों में कितना दम है? साथ ही शिक्षा विभाग के बड़े अफसरों के लिंक भी तलाशे जाने की खबर है। इस बाबत मंडलीय अफसरों से टीम के लोगों की बातचीत होना भी बताया जाता है। हालांकि अफसर इसका खुलासा नहीं करते हैं। सूत्रों का कहना है कि जांच टीम को एक बड़े अफसर की तलाश के साथ ही पूर्व शिक्षा निदेशक व सचिव के करीबियों पर खास नजर है! जिसके जरिए टीईटी में खेल किए जाने की संभावना है। सूत्र बताते हैं कि पूर्व शिक्षा निदेशक और सचिव की कॉल डिटेल पर भी पुलिस की नजर है। यह कॉल डिटेल भी शिक्षा विभाग के अफसरों को सांसत में डाल सकती है। हालांकि जांच में आए कानपुर देहात (रमाबाईनगर) के सह विवेचक दिनेश त्रिपाठी ने इस बाबत पूछे जाने पर बताया कि वह कुछ जानकारियां हासिल करने आए हैं। जांच अभी जारी है, हालांकि उन्होंने मामले में कोई खुलासा नहीं किया। 
http://www.amarujala.com/city/Faizabad/Faizabad-28635-126.html