फैजाबाद, प्रदेश के बहुचर्चित टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) घोटाले की
जांच की आंच यहां तक पहुंच गई है। इस मामले में जेल में निरुद्ध निलंबित
शिक्षा निदेशक संजय मोहन से पूछताछ के बाद रमाबाईनगर जिले (कानपुर देहात)
की पुलिस टीम शनिवार को मंडलीय अधिकारियों से पूछताछ के लिए यहां पहुंची।
जेडी व डीआइओएस कार्यालय में नहीं मिले। इसके चलते वह अन्य कर्मचारियों से
पूछताछ कर लौट गई।
टीईटी परीक्षा पास कराने के नाम पर लाखों रुपये ऐंठने वाले गिरोह के पांच सदस्यों को गत 31 दिसंबर को रमाबाईनगर जिले की अकबरपुर कोतवाली पुलिस ने दबोचा था। वाहन चेकिंग के दौरान पकड़े गए इस गिरोह के कब्जे से 86 लाख रुपये से अधिक नकदी बरामद हुई थी। छानबीन के दौरान पुलिस ने गत सात जनवरी को गिरोह के चार अन्य सदस्यों को भी गिरफ्तार किया। इसके बाद गत आठ फरवरी को तत्कालीन शिक्षा निदेशक संजय मोहन को गिरफ्तार किया गया। अब तक इस मामले में 12 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। पता चला है कि शिक्षा निदेशक से पुलिस रिमांड पर पूछताछ के बाद मामले के सह विवेचक व अकबरपुर कोतवाल दिनेश त्रिपाठी पुलिस टीम के साथ अचानक यहां पहुंच गए। वह सीधे कोतवाली नगर क्षेत्र स्थित शिक्षा भवन पहुंचे, जहां संयुक्त शिक्षा निदेशक सुरेंद्र तिवारी से बातचीत करने का प्रयास किया लेकिन वह कार्यालय में मौजूद नहीं थे। इसके बाद जिला विद्यालय निरीक्षक शिवपूजन पटेल से संपर्क करना चाहा लेकिन वह भी मौजूद नहीं थे। शिक्षा भवन में मौजूद उप निरीक्षक (संस्कृत पाठशालाएं) रामलखन यादव से बातचीत कर पुलिस टीम वापस लौट गई। यादव ने पुलिस टीम के आने की पुष्टि की है। उनका कहना है कि टीईटी में मंडल स्तर से कोई सरोकार नहीं है। सारे कार्य निदेशालय स्तर से हुए हैं। हालांकि इसके बावजूद पुलिस टीम आने पर दफ्तर में खलबली मची रही। अधिकारियों के करीबी बाबू भी दबे-पांव खिसकते नजर आए। शिक्षा महकमे में अब हर किसी की जुबान पर एक ही चर्चा है कि भला टीईटी प्रकरण के बारे में छानबीन करने पुलिस टीम यहां क्यों आई?
http://www.jagran.com/uttar-pradesh/faizabad-8915590.html
19-2-2012
टीईटी परीक्षा पास कराने के नाम पर लाखों रुपये ऐंठने वाले गिरोह के पांच सदस्यों को गत 31 दिसंबर को रमाबाईनगर जिले की अकबरपुर कोतवाली पुलिस ने दबोचा था। वाहन चेकिंग के दौरान पकड़े गए इस गिरोह के कब्जे से 86 लाख रुपये से अधिक नकदी बरामद हुई थी। छानबीन के दौरान पुलिस ने गत सात जनवरी को गिरोह के चार अन्य सदस्यों को भी गिरफ्तार किया। इसके बाद गत आठ फरवरी को तत्कालीन शिक्षा निदेशक संजय मोहन को गिरफ्तार किया गया। अब तक इस मामले में 12 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। पता चला है कि शिक्षा निदेशक से पुलिस रिमांड पर पूछताछ के बाद मामले के सह विवेचक व अकबरपुर कोतवाल दिनेश त्रिपाठी पुलिस टीम के साथ अचानक यहां पहुंच गए। वह सीधे कोतवाली नगर क्षेत्र स्थित शिक्षा भवन पहुंचे, जहां संयुक्त शिक्षा निदेशक सुरेंद्र तिवारी से बातचीत करने का प्रयास किया लेकिन वह कार्यालय में मौजूद नहीं थे। इसके बाद जिला विद्यालय निरीक्षक शिवपूजन पटेल से संपर्क करना चाहा लेकिन वह भी मौजूद नहीं थे। शिक्षा भवन में मौजूद उप निरीक्षक (संस्कृत पाठशालाएं) रामलखन यादव से बातचीत कर पुलिस टीम वापस लौट गई। यादव ने पुलिस टीम के आने की पुष्टि की है। उनका कहना है कि टीईटी में मंडल स्तर से कोई सरोकार नहीं है। सारे कार्य निदेशालय स्तर से हुए हैं। हालांकि इसके बावजूद पुलिस टीम आने पर दफ्तर में खलबली मची रही। अधिकारियों के करीबी बाबू भी दबे-पांव खिसकते नजर आए। शिक्षा महकमे में अब हर किसी की जुबान पर एक ही चर्चा है कि भला टीईटी प्रकरण के बारे में छानबीन करने पुलिस टीम यहां क्यों आई?
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