इलाहाबाद। टीईटी घोटाले में संजय मोहन की गिरफ्तारी के बाद से ही गायब
पूर्व सचिव प्रभा त्रिपाठी रविवार शाम अचानक बोर्ड दफ्तर पहुंच गईं।
परीक्षा कार्य पिछड़ने के कारण रविवार अवकाश होने के बाद भी बड़ी संख्या
में कर्मचारी बोर्ड दफ्तर में मौजूद थे। पूर्व सचिव को देख कर्मचारियों ने
उनसे बातचीत की कोशिश की लेकिन प्रभा त्रिपाठी सीधे सचिव कक्ष में पहुंचीं
और वासुदेव यादव को स्ट्रांग रूम की चाभी, गोपनीय फाइलें सौंपकर चली गईं।
रविवार को ही उन्होंने महात्मा गांधी मार्ग स्थित सचिव का सरकारी आवास भी
खाली कर दिया।
आठ फरवरी को पूर्व निदेशक की गिरफ्तारी के बाद से वह कहां थीं, टीईटी मामले में आठ को लखनऊ में पुलिस ने उनसे क्या पूछा, किस भय से वह गायब थीं, ऐसे तमाम सवाल हैं जिनके बारे में जानने को बोर्ड दफ्तर के अधिकारी और कर्मचारी उत्सुक हैं लेकिन प्रभा त्रिपाठी ने किसी से बात नहीं की। बोर्ड दफ्तर में परीक्षा से जुड़े ऐसे कई कार्य होते हैं जिसकी जानकारी सचिव को ही होती है। स्ट्रांग रूम और गोपनीय फाइलों की आलमारी की चाभी, कापी और पेपर कोडिंग की फाइलें प्रभा त्रिपाठी के पास थीं। गिरफ्तारी से भय से गायब प्रभा त्रिपाठी को कोर्ट से राहत मिली तो रविवार को वह सामने आ गईं और सारी चाभियां, कागजात सौंप दिए। बिना सूचना के गायब रहने और बोर्ड परीक्षा सामने होने के बाद भी किसी से संपर्क न करने को अनुशासनहीनता मान शासन ने प्रभा त्रिपाठी के खिलाफ कार्रवाई की और उन्हें मुख्यालय से संबद्ध कर दिया। रविवार तक उन्हें चार्ज नहीं लिया लेकिन बोर्ड सचिव के रूप में एलॉट भवन खाली कर दिया। सचिव वासुदेव यादव ने स्वीकार किया कि प्रभा त्रिपाठी ने उन्हें सारे गोपनीय दस्तावेज और चाभियां सौंप दी हैं।
Amar Ujala
27-2-2012
आठ फरवरी को पूर्व निदेशक की गिरफ्तारी के बाद से वह कहां थीं, टीईटी मामले में आठ को लखनऊ में पुलिस ने उनसे क्या पूछा, किस भय से वह गायब थीं, ऐसे तमाम सवाल हैं जिनके बारे में जानने को बोर्ड दफ्तर के अधिकारी और कर्मचारी उत्सुक हैं लेकिन प्रभा त्रिपाठी ने किसी से बात नहीं की। बोर्ड दफ्तर में परीक्षा से जुड़े ऐसे कई कार्य होते हैं जिसकी जानकारी सचिव को ही होती है। स्ट्रांग रूम और गोपनीय फाइलों की आलमारी की चाभी, कापी और पेपर कोडिंग की फाइलें प्रभा त्रिपाठी के पास थीं। गिरफ्तारी से भय से गायब प्रभा त्रिपाठी को कोर्ट से राहत मिली तो रविवार को वह सामने आ गईं और सारी चाभियां, कागजात सौंप दिए। बिना सूचना के गायब रहने और बोर्ड परीक्षा सामने होने के बाद भी किसी से संपर्क न करने को अनुशासनहीनता मान शासन ने प्रभा त्रिपाठी के खिलाफ कार्रवाई की और उन्हें मुख्यालय से संबद्ध कर दिया। रविवार तक उन्हें चार्ज नहीं लिया लेकिन बोर्ड सचिव के रूप में एलॉट भवन खाली कर दिया। सचिव वासुदेव यादव ने स्वीकार किया कि प्रभा त्रिपाठी ने उन्हें सारे गोपनीय दस्तावेज और चाभियां सौंप दी हैं।
Amar Ujala
27-2-2012
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