इलाहाबाद। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने टीजीटी सामाजिक विज्ञान के
चयन परिणाम में हुए फर्जीवाड़े की जांच शुरू कर दी है। सचिव शेषमणि पांडेय
ने सामाजिक विज्ञान लिखित परीक्षा के मूल परिणाम से इतर अभ्यर्थियों को
साक्षात्कार में शामिल होने के लिए पत्र जारी करने वाले कर्मचारी से जवाब
मांगा है। उससे पूछा गया है कि तैयार परिणाम से भिन्न अभ्यर्थियों को
इंटरव्यू लेटर किसके आदेश पर जारी किया गया। चयन बोर्ड के कई सदस्यों का
दावा है कि इस मामले में लिखित परीक्षा परिणाम के बाद कोई पुनर्मूल्यांकन
नहीं किया गया।
चयन बोर्ड की ओर से टीजीटी सामाजिक विज्ञान का परिणाम 17 फरवरी को जारी किया गया था। परिणाम की घोषणा के बाद ‘अमर उजाला’ ने टीजीटी सामाजिक विज्ञान के चयन परिणाम में फर्जीवाड़े को उजागर किया। दरअसल अंतिम परिणाम में ऐसे कई अभ्यर्थियों को सफल घोषित कर दिया गया जो मुख्य परीक्षा में फेल थे। खबर प्रकाशित होने के बाद अध्यक्ष ने दावा किया कि लिखित परीक्षा परिणाम के बाद उसका पुनर्मूल्यांकन कराया गया लेकिन सदस्यों ने इससे साफ इंकार किया। सलाह के बाद अध्यक्ष ने इस मामले में जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया। जांच के क्रम में ही चयन बोर्ड के सचिव ने मूल परिणाम से बाहर के अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में शामिल होने के लिए पत्र जारी करने के बारे में जवाब मांगा है।
Amar Ujala
27-2-2012
चयन बोर्ड की ओर से टीजीटी सामाजिक विज्ञान का परिणाम 17 फरवरी को जारी किया गया था। परिणाम की घोषणा के बाद ‘अमर उजाला’ ने टीजीटी सामाजिक विज्ञान के चयन परिणाम में फर्जीवाड़े को उजागर किया। दरअसल अंतिम परिणाम में ऐसे कई अभ्यर्थियों को सफल घोषित कर दिया गया जो मुख्य परीक्षा में फेल थे। खबर प्रकाशित होने के बाद अध्यक्ष ने दावा किया कि लिखित परीक्षा परिणाम के बाद उसका पुनर्मूल्यांकन कराया गया लेकिन सदस्यों ने इससे साफ इंकार किया। सलाह के बाद अध्यक्ष ने इस मामले में जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया। जांच के क्रम में ही चयन बोर्ड के सचिव ने मूल परिणाम से बाहर के अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में शामिल होने के लिए पत्र जारी करने के बारे में जवाब मांगा है।
Amar Ujala
27-2-2012
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