लखनऊ। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में
करोड़ों की धांधली के मामले में रमाबाईनगर पुलिस को माध्यमिक शिक्षा परिषद
की सचिव प्रभा त्रिपाठी की तलाश और तेज कर दी है। पुलिस ने उन्हें तीन बार
कानूनी समन भेजा है पर वे उपस्थित नहीं हो रही हैं। इसके विपरीत सचिव ने
अदालत में गिरफ्तारी के खिलाफ स्थगनादेश के लिए अपील कर दी है। इस मामले
में परिषद के कुछ अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों की संलिप्तता सामने आने के
आसार बन गए हैं। पुलिस इसके लिए जरूरी साक्ष्यों को जुटाने की कोशिश कर
रही है। उधर, रमाबाईनगर की पुलिस मामले की तफ्तीश को जल्द से जल्द पूरा कर
गिरफ्तार संजय मोहन के खिलाफ चार्जशीट तैयार करने की कवायद में भी जुट गई
है।
सचिव होने के कारण टीईटी से संबंधित सभी
पत्रावलियां प्रभा त्रिपाठी के सामने से होकर और उनके हस्ताक्षरों से ही
आगे जाती थीं। पुलिस ने इस मामले की गड़बड़ी सामने आने पर छानबीन की तो उसे
दस्तावेजों पर हुए कई आदेशों व निर्देशों के बारे में स्पष्टीकरण की जरूरत
पड़ी। इस पर रमाबाईनगर पुलिस ने सचिव से सहायता मांगी पर उनसे सहयोग नहीं
मिला।
असहयोग सामने आने पर पुलिस ने उन्हें
सात फरवरी को विधिक समन भेजा। इस समन पर भी जब वे हाजिर नहीं हुईं तो 14
फरवरी को दूसरा समन भेजा गया। फिर भी हाजिर नहीं हुईं तो पुलिस ने 18 फरवरी
को तीसरा समन परिषद के निदेशक को रिसीव कराया गया। तब भी प्रभा त्रिपाठी
ने पुलिस से संपर्क नहीं किया। पिछले दिनों जब पुलिस संजय मोहन को रिमांड
पर लखनऊ लाई थी तब उसने प्रभा त्रिपाठी को भी तलाश करने की कोशिश की थी, पर
वह न अपने घर पर मिलीं न कार्यालय में। पुलिस को कार्यालय से पता चला कि
निदेशक संजय मोहन की गिरफ्तारी के अगले दिन से ही प्रभा त्रिपाठी दफ्तर
नहीं आ रही हैं।
इस बीच पुलिस को यह भी
जानकारी मिली कि प्रभा त्रिपाठी ने उच्च अदालत में खुद को गिरफ्तार किए
जाने का अंदेशा जताते हुए इसके विपरीत स्थगनादेश के लिए दरख्वास्त दे दी
है। उनकी दरख्वास्त पर 24 फरवरी को सुनवाई होनी है। इस बीच पुलिस ने प्रभा
त्रिपाठी से पूछने के लिए सवालों का एक सेट तैयार किया हुआ है। इस सेट के
लगभग बीस सवालों का जवाब जानने के लिए पुलिस उस दिन भी प्रभा त्रिपाठी से
संपर्क करेगी, जिस दिन अदालत में सुनवाई होनी है।
इस
बीच संजय मोहन के साले व उनके निजी सचिव की तलाश का सिलसिला जारी है।
पुलिस उनके जरिए कई अहम सबूतों को हासिल करने की उम्मीद कर रही है। साथ ही
इनसे पूछताछ में धांधली से आई रकम के बारे में जानकारी सामने आने की
संभावना है।
रोक के बावजूद हुईं शिक्षकों की अवैध नियुक्तियां!
लखनऊ।
राजधानी के माध्यमिक विद्यालयों की संबद्ध प्राइमरी शाखा में रोक के
बावजूद शिक्षक पदों पर नियुक्तियां कर ली गई हैं। यह आरोप शिक्षक संघ की
जिला इकाई ने लगाया है। शिक्षक संघ का कहना है कि शिक्षा विभाग के अधिकारी
करीब 11 पदों पर गुपचुप नियुक्तियों की साजिश रच रहे हैं। यही नहीं एक पद
पर नियुक्ति को अनुमोदन देकर उसका वेतन भी जारी कर दिया गया है। शिक्षक
नेताओं ने तय किया है कि वह इस मामले में लोकायुक्त व पुलिस महानिदेशक से
शिकायत करके नियुक्तियों की जांच कराने की मांग करेेंगे।
वैसे
इन नियुक्तियों के लिए अक्टूबर में गुपचुप विज्ञापन जारी होने होने का
खुलासा अमर उजाला ने किया था। उस समय न केवल टीईटी घोटाले में फंसे शिक्षा
निदेशक संजय मोहन बल्कि माध्यमिक शिक्षा सचिव ने भी नियुक्तियों को अवैध
बताते हुए निरस्त कर दिया था। उधर, डीआईओएस उमेश त्रिपाठी का कहना है कि
शिक्षक नेताओं के आरोप गलत हैं। अक्टूबर में जारी शिक्षक भर्ती विज्ञापन को
उसी समय शासन से निरस्त कर दिया गया था। ऐसे में किसकी हिम्मत है कि गलत
नियुक्ति करे। उनके मुताबिक यह सब उन्हें फंसाने की साजिश है।
Source-Amar Ujala
2 comments:
hi praveen
hi
Post a Comment