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Tuesday, 13 March 2012

रोजगार दफ्तर पर बेरोजगारों का हंगामा

मेरठ : समाजवादी पार्टी की प्रदेश में सरकार के गठन से पहले ही उम्मीदें पूरी होने की आस में बेरोजगारों की फौज रोजगार कार्यालय की और दौड़ रही है। दो दिनों की छुट्टी के बाद सोमवार सुबह जब क्षेत्रीय रोजगार कार्यालय का दफ्तर खुला तो युवाओं की भीड़ उमड़ पड़ी। लंबी लाइनें लगाकर खड़े हुए महिला और पुरुष अभ्यर्थियों का गुस्सा उस वक्त फूट पड़ा, जब उन्हें कहा गया कि फार्म खत्म हो गए हैं। युवाओं ने कार्यालय परिसर में जमकर हंगामा काटा। इसके चलते पुलिस बुलानी पड़ी।
युवा अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि कार्यालय के कर्मचारियों की मिलीभगत से फॉर्म नहीं मिल रहा है और नि:शुल्क फार्म को चार चार रुपये में बेचा जा रहा है। इसमें कार्यालय के लोगों का भी कमीशन बंधा है। इसके साथ ही उन्होंने फॉर्म जमा कराने में दलाली करने का भी आरोप लगाया। छात्रों का आरोप था कि सुविधा शुल्क के तौर पर 40 से 80 रुपए तक वसूले जा रहे हैं। बगैर लाइन में लगे फॉर्म जमा कराने को 80 रुपए की वसूली हो रही है। इसमें फॉर्म भरने का भी पैकेज शामिल है जबकि सिर्फ फॉर्म जमा कराकर पंजीकरण संख्या देने के लिए 40 रुपए वसूले जा रहे हैं।
रोजगार कार्यालय ने फॉर्म वितरण से अपना हाथ खींच लिया है। कारण पूछे जाने पर टका सा जवाब दिया गया कि फॉर्म ही खत्म हो गए हैं, संभव है मंगल-बुधवार तक उपलब्ध कराया जा सके। लेकिन जब चार रुपए में फॉर्म बिकने की बात कही गई तो उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर कर दी।
सोमवार को पंजीकरण कराने वाले बेरोजगारों में सबसे अधिक संख्या 21 से 30 आयु वर्ग की रही। अधिकांश आवेदक ग्रेजुएट हैं। अकेले सोमवार को लगभग 1450 पुरुष और 1300 महिला अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया।
औसत 20 का था अब हजार पार
रोजगार कार्यालय में काम करने वाले लोगों का कहना है कि चुनाव से पहले तक रोजगार कार्यालय में पंजीकरण का औसत 20 का था। युवतियां तो गाहे-बगाहे आती थीं, लेकिन अब तो एक दिन में हजार से भी अधिक होना हमारे लिए भी टेढ़ी खीर बन गया है।
पता नहीं इन्हें भत्ता मिलेगा भी या नहीं
अधिकांशत: बेरोजगारी भत्ते की चाह में आवेदन कर रहे हैं, लेकिन इन्हें भत्ते का लाभ मिले अभी कुछ तय नहीं है। यही चर्चा दिन भर रोजगार कार्यालय पर बनी रही। लोगों का कहना था कि पहले दौर में संभव है कि केवल उन्हें ही भत्ता मिले, जिनका पंजीकरण आचार संहिता लगने के पहले हुआ हो, तो दूसरी ओर कुछ लोग यह कहते हुए सुने गए कि भत्ता के हकदार केवल 35 वर्ष के ऊपर के बेरोजगार होंगे।

Source- Jagran

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