इलाहाबाद। उच्चतर शिक्षा आयोग से मई 2007 के बाद डिग्री कालेजों में
प्रवक्ता पद पर हुई नियुक्तियों की जांच होगी। शासन ने मंडलायुक्त को पूरे
मामले की जांच का निर्देश दिया है। प्रदेश के अशासकीय डिग्री कॉलेजों में
प्रवक्ता और प्राचार्य के पदों पर चयन के लिए गठित उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग
की कार्यशैली को लेकर शुरू से ही आपत्ति उठती रही है। आयोग ने 2007-08 में
विज्ञापन संख्या 41 के तहत प्रवक्ता के लिए विज्ञापित कुल 552 के लिए
साक्षात्कार शुरू किया था। इस दौरान तमाम बाधाओं के बाद आयोग ने 486 पदों
के लिए साक्षात्कार पूरा करके इसकी सूची नियुक्ति के लिए उच्च शिक्षा
निदेशालय को भेज दी। इसमें से अधिकांश चयनित प्रवक्ताओं को नियुक्ति भी मिल
गई है। इसके बाद बचे हुए पदों का साक्षात्कार साल भर बाद हो सका। डिग्री
प्रवक्ता के 486 पदों पर चयन को लेकर आयोग सदस्यों के आरोप लगाने पर शासन
ने मामले की प्रारंभिक जांच मंडलायुक्त से करवाई थी। इसमें कुछ ऐसे लोगों
का भी चयन कर लिया गया था जो निर्धारित अर्हता भी पूरी नहीं करते थे।
प्रारंभिक जांच में आरोप की पुष्टि होने पर आयोग से सभी नियुक्तियों की
जांच कराने का फैसला शासन ने लिया है। सूत्रों का कहना है कि अब प्रमुख
सचिव उच्च शिक्षा ने उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग से हुए सभी चयन की जांच शुरू
की गई है। शासन के फैसले से आयोग में हड़कंप मचा हुआ है।
Source- Amar Ujala
2-3-2012
Source- Amar Ujala
2-3-2012
No comments:
Post a Comment