इलाहाबाद : इलाहाबाद विवि में इन दिनों शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन पत्र
भरे जा रहे हैं। कतिपय शिक्षकों का मानना है कि शिक्षक भर्ती के लिए किए गए
विज्ञापन में विवि प्रशासन ने इच्छानुसार ओबीसी आरक्षण की व्यवस्था कर
विवि अनुदान आयोग के स्ट्रिक्ट इंप्लीमेंटेशन आफ रिजर्वेशन पॉलिसी गाइडलाइन
2006 का सही तरीके से पालन नहीं किया जा रहा है।
शिक्षक भर्ती में विभिन्न संकायों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर ओबीसी के आरक्षण की व्यवस्था है लेकिन प्रोफेसर या एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर ऐसी व्यवस्था नहीं की गई है। कुछ जगहों पर इसका कारण एकल पद बताया गया है। अधिकांश शिक्षकों का कहना है कि अगर विवि को यूनिट माना गया है तो फिर ऐसा करना मुश्किल नहीं है। विज्ञान संकाय की बात करें तो यहां असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर ओबीसी आरक्षण है पर प्रोफेसर के पद पर नहीं है। यूजीसी की गाइड लाइन में स्पष्ट है कि सभी पदों, चाहे उन्हें जिस किसी नाम से जाना जाता हो, आरक्षण के संबंध में स्पष्ट घोषणा की जाएगी। विवि के कई शिक्षक कहते हैं कि अगर विवि एकल सीट होने की आड़ लेना भी चाहे तो कम से कम इसे रोस्टर की घोषणा करनी चाहिए। हालांकि इन लोगों का मानना है कि जब आप विवि को यूनिट मानते हैं तो एकल पदों वाली स्थिति सामान्यत: पैदा नहीं होती। इस संबंध में विवि के पीआरओ प्रो. पीके साहू आरोप को नकारते हैं कि विभाग और संकाय के संबंध में आप बात नहीं कर सकते हैं। विवि को यूनिट माना गया है और जो भी व्यवस्था है वह यूजीसी प्रावधानों के अनुरूप है।
शिक्षक भर्ती में विभिन्न संकायों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर ओबीसी के आरक्षण की व्यवस्था है लेकिन प्रोफेसर या एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर ऐसी व्यवस्था नहीं की गई है। कुछ जगहों पर इसका कारण एकल पद बताया गया है। अधिकांश शिक्षकों का कहना है कि अगर विवि को यूनिट माना गया है तो फिर ऐसा करना मुश्किल नहीं है। विज्ञान संकाय की बात करें तो यहां असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर ओबीसी आरक्षण है पर प्रोफेसर के पद पर नहीं है। यूजीसी की गाइड लाइन में स्पष्ट है कि सभी पदों, चाहे उन्हें जिस किसी नाम से जाना जाता हो, आरक्षण के संबंध में स्पष्ट घोषणा की जाएगी। विवि के कई शिक्षक कहते हैं कि अगर विवि एकल सीट होने की आड़ लेना भी चाहे तो कम से कम इसे रोस्टर की घोषणा करनी चाहिए। हालांकि इन लोगों का मानना है कि जब आप विवि को यूनिट मानते हैं तो एकल पदों वाली स्थिति सामान्यत: पैदा नहीं होती। इस संबंध में विवि के पीआरओ प्रो. पीके साहू आरोप को नकारते हैं कि विभाग और संकाय के संबंध में आप बात नहीं कर सकते हैं। विवि को यूनिट माना गया है और जो भी व्यवस्था है वह यूजीसी प्रावधानों के अनुरूप है।
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