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Wednesday, 21 March 2012

तो आर या पार की लड़ाई लड़ेंगे टीईटी अभ्यर्थी

वरिष्ठ संवाददाता, इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा 13 नवंबर 2011 को ली गई शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के सफल अभ्यर्थियों ने अब निर्णायक लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है। टीईटी संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों ने तय किया है कि यदि सरकार दो दिनों के भीतर कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाती तो प्रदेशभर में व्यापक आंदोलन छेड़ा जाएगा। इसके अलावा मानव श्रृंखला बनाकर विधानसभा का घेराव किया जाएगा।
शिक्षक पात्रता परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को आशंका है कि टीईटी में हुई धांधली उजागर होने के बाद नई सरकार कहीं इसे निरस्त न कर दे। यही कारण है कि टीईटी को निरस्त न किए जाने और प्राथमिक विद्यालयों में 72 हजार शिक्षकों की रुकी भर्ती प्रक्रिया को शुरू करने की मांग को लेकर प्रदेशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। मजे की बात यह है कि टीईटी में असफल हुए अभ्यर्थी इसे निरस्त करने की मांग को लेकर भी प्रदर्शन कर रहे हैं। टीईटी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष विवेकानंद ने बताया कि मुख्यमंत्री तक हमारी बात पहुंच गई है। यदि हमारी मांगों पर विचार नहीं हुआ तो दो दिन बाद फिर से निर्णायक लड़ाई लड़ी जाएगी।
प्रमुख बिंदु
-परीक्षा- 13 नवंबर 2011
-रिजल्ट-25 नवंबर 2011
-कुल आवेदन 11,51,772
--प्राथमिक में 2,70,806 अभ्यर्थी सफल
-उच्च में 2,09,789 अभ्यर्थी सफल
क्यों मची मारामारी
निश्शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 की उपधारा (एक) द्वारा प्रदत्त शक्तियों के अनुक्रम में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की 23 अगस्त 2010 को जारी अधिसूचना द्वारा कक्षा एक से आठ तक के शिक्षकों के लिए न्यूनतम शैक्षिक अर्हता के साथ ही साथ राज्य सरकार द्वारा आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीण करना अनिवार्य कर दिया गया। इसके बाद प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग में बड़ी संख्या में शिक्षकों की भर्ती की आवश्यकता पड़ी। इसको देखते हुए शासन ने माध्यमिक शिक्षा परिषद को टीईटी आयोजित कराने का जिम्मा दिया। बाद में इसी परीक्षा की मेरिट को बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापकों की भर्ती का आधार बना दिया गया। यहीं से टीईटी वसूली और घोटाले का आधार बन गई।
क्यों हुई फजीहत
-प्राथमिक व उच्च प्राथमिक के आवेदन अलग-अलग रखना।
-यहीं से गड़बड़ी की शुरुआत हुई।
-प्रवेश पत्रों में गड़बड़ी, सुबह की पाली का सेंटर कहीं, शाम का कहीं।
--ओएमआर शीट पर प्राथमिक व उच्च प्राथमिक कुछ नहीं लिखा था।
-यही कारण रहा कि शाम की ओएमआर सुबह व सुबह की शाम को बंट गई।
-हजारों अभ्यर्थियों का परिणाम बदल गया।
-बिना क्रास चेक किए आंसर की भी जल्दबाजी में और गलत जारी की गई।
-सभी आपत्तियों का निस्तारण किए बिना बीच-बीच में संशोधित की गई।
-यही कारण रहा कि सभी आपत्तियों का निस्तारण नहीं किया जा सका।
-परीक्षा परिणाम भी जल्दबाजी में निकाल दिया गया।
-गड़बड़ियां सामने आने पर परिणाम एक बार संशोधित हुआ, अब दोबारा संशोधित होगा।

Source- Jagran
21-3-2012

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