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Tuesday, 20 March 2012

भत्ते की कतार में बुजुर्ग बेरोजगार

भत्ते की कतार में बुजुर्ग बेरोजगार


भत्ते की कतार में बुजुर्ग बेरोजगार
क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय में लगी भीड़
एक से 19 मार्च तक 49243 पंजीयन
लखनऊ, 19 मार्च (जासं):
सरोजनीनगर के गुदौली निवासी रामदीन रावत (52) सुबह से लालबाग स्थित सेवायोजन कार्यालय में पंजीकरण कराने के लिए लाइन में खड़े थे। दूसरों के घर मजदूरी करके बमुश्किल से दो जून की रोटी का इंतजाम करने वाले रामदीन ने बताया कि तबीयत बिगड़ने पर घर पर चूल्हा तक नहीं जलता। प्रदेश सरकार ने 35 पार बेरोजगारों को एक हजार बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा की है। भत्ते की आस में वह लाइन में खड़े हैं।
अकेले रामदीन ही नहीं बल्कि बेरोजगारी का दंश झेल रहे सत्य नारायण (53), आशियाना की आशा तिवारी (50), संतोष (51), सुमिता (50), जोहरा खां (56), शिवनाथ (52) राम सरन (50) व नसीम (50) भी बेरोजगारी भत्ते की आस में लाइन में लगीं थीं। बुजुर्गो का कहना है कि प्रदेश सरकार ने बेरोजगारी भत्ते की ऊपरी आयु सीमा निर्धारित नहीं की है तो हमें भी बेरोजगारी भत्ता मिलना चाहिए। एक दिन बंदी के बाद सोमवार को कार्यालय में सुबह से ही महिलाओं और पुरुषों की लंबी कतारें लग गई थीं। पुलिस की मौजूदगी में देर शाम तक पंजीकरण का कार्य चलता रहा। क्षेत्रीय सेवायोजन अधिकारी पीके पुंडीर ने बताया कि देर शाम तक चले पंजीकरण में 5880 बेरोजगारों ने पंजीकरण कराया जिसमें महिलाओं की संख्या 3550 थी। एक मार्च से अब तक 49253 नए बेरोजगारों ने अपना पंजीयन कराया है। आने वाले समय में और बढ़ोत्तरी होने की संभावना है।
इनसेट
डेढ़ लाख 35 पार
प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय के सूत्रों के मुताबिक अब तक लखनऊ मंडल में 35 पार बेरोजगारों की संख्या करीब डेढ़ लाख है। अन्य मंडलों की सूचनाओं के आधार पर प्रदेश में करीब नौ लाख बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ते के योग्य होने की उम्मीद है। उधर, अपर निदेशक सेवायोजन डी प्रसाद का कहना है कि सभी सेवायोजन अधिकारियों से बेरोजगारों का विवरण मांगा गया है। विवरण मिलने के बाद ही बेरोजगारों की संख्या के बारे में सही जानकारी दी जा सकेगी।
बातचीत
'तब तो बेरोजगार धनवानों को मिलेगा भत्ता'
कृष्णानगर निवासी उदय सिंह का कहना है कि बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा कर सरकार ने बेरोजगारों को राहत देने का काम किया है लेकिन जब तक बेरोजगारों की सही तरीके से पड़ताल नहीं होगी तो बड़े घरों के धनवान बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता मिल जाएगा। भत्ता देने से पहले सरकार को जांच की सुदृढ़ रणनीति बनानी पड़ेगी। इंदिरानगर की नेहा कश्यप का कहना है कि महात्मा गांधी ग्राम स्वरोजगार योजना के तहत बेरोजगारों को एक वर्ष में तीन महीने काम देने का प्राविधान है। काम न दे पाने की स्थिति में भत्ता देने का प्रावधान है। ग्रामीण क्षेत्र के बेरोजगारों को इसके तहत लाकर उनकी बेरोजगारी दूर की जा सकती है। इससे सरकार पर अतिरिक्त बोझ भी नहीं पड़ेगा। आलमबाग के अनिल पांडेय का कहना है कि हलफनामा लेकर बेरोजगारी भत्ता देने से उसके रोजगार की पड़ताल नहीं की जा सकती। पासपोर्ट व असलहे के लाइसेंस की भांति सही मायने में बेरोजगारों का पता लगाया जाए तभी सही बेरोजगारों को इसका लाभ मिल सकेगा। बंगला बाजार के सुनील गुप्ता का कहना है कि 1100 करोड़ की इस योजना की शुरुआत जल्दबाजी में करने की बजाय इसकी रणनीति बनानी चाहिए। रणनीतिकारों की सलाह के बाद योजना को लागू करना चाहिए। बेरोजगारी भत्ता लेने वालों की पूरी पड़ताल की जानी चाहिए।

Source- Jagran
20-3-2012

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