मुख्यमंत्री से मिले टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी
लखनऊ : अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण अभ्यर्थी मंगलवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिले। अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि टीईटी को रद न किया जाए। मुख्यमंत्री ने मामला न्यायालय में होने का हवाला देते हुए कोई निर्णय करने से इनकार किया। हालांकि उन्होंने एक बार फिर विस्तृत वार्ता के लिए तीन सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल को दोबारा बुलाया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि परीक्षा में यदि धांधली हुई है तो दोषियों को सजा दी जाए। संशोधन के नाम पर साठगांठ की गई है, लिहाजा संशोधन से पहले का रिजल्ट निरस्त न किया जाए। मुख्यमंत्री को इन सभी परिस्थितियों से अवगत कराने के लिए टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री से मिला। मुख्यमंत्री ने सकारात्मक रुख अपनाते हुए विस्तृत वार्ता के लिए दोबारा बुलाया है।
Source- Jagran
28-3-2012
लखनऊ : अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण अभ्यर्थी मंगलवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिले। अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि टीईटी को रद न किया जाए। मुख्यमंत्री ने मामला न्यायालय में होने का हवाला देते हुए कोई निर्णय करने से इनकार किया। हालांकि उन्होंने एक बार फिर विस्तृत वार्ता के लिए तीन सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल को दोबारा बुलाया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि परीक्षा में यदि धांधली हुई है तो दोषियों को सजा दी जाए। संशोधन के नाम पर साठगांठ की गई है, लिहाजा संशोधन से पहले का रिजल्ट निरस्त न किया जाए। मुख्यमंत्री को इन सभी परिस्थितियों से अवगत कराने के लिए टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री से मिला। मुख्यमंत्री ने सकारात्मक रुख अपनाते हुए विस्तृत वार्ता के लिए दोबारा बुलाया है।
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28-3-2012
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शिक्षक भर्ती प्रक्रिया हो सकती है निरस्त
लखनऊ, 28 मार्च (जागरण ब्यूरो) : बेसिक शिक्षा परिषद के संचालित प्राथमिक स्कूलों में 72,825 शिक्षकों की भर्ती के सिलसिले में लंबित चयन प्रक्रिया निरस्त की जा सकती है। शिक्षकों की भर्ती के लिए अनिवार्य अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के परीक्षा परिणाम में धांधली उजागर होने से इसकी शुचिता तार-तार हो चुकी है। ऐसे में शासन स्तर पर बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों के बीच शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करने के बारे में सहमति बनी है। सूत्रों के मुताबिक भर्तीप्रक्रिया को रद करने के बारे में बेसिक शिक्षा निदेशालय से प्रस्ताव मांगा गया है। भर्ती प्रक्रिया को रद करने के बाद नए सिरे से शिक्षकों की नियुक्ति के लिए टीईटी की मेरिट को ही चयन का आधार बनाने के बसपा सरकार के निर्णय को भी बदला जानातय है। शासन स्तर पर बेसिकशिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच विचार विमर्श में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करनेपर सहमति बनी है। एनसीटीई की अधिसूचना के मुताबिक इन 72,825 पदों पर बीएड डिग्रीधारक अभ्यर्थियों की नियुक्ति एक जनवरी 2012 तक हो जानी चाहिए थी जो कि न हो सकी। शिक्षकों की भर्ती में भ्रष्टाचार उजागर होने सेबेसिक शिक्षा विभाग की काफी किरकिरी हो चुकी है। इस मुद्दे पर कई महीनों सेगतिरोध व अनिर्णय की स्थिति बने रहने से अभ्यर्थी भी संशय और दुविधा का सामना कर रहे हैं। यह भी माना जा रहा हैकि बसपा सरकार के कार्यकाल में शुरू हुई भर्ती प्रक्रिया पर भ्रष्टाचार के जो दाग लगे हैं, नई सरकार उससे दामन दागदार नहीं करना चाहेगी।इसलिए बेसिक शिक्षा विभागने त्वरित कार्यवाही करनेका मन बनाया है।
http://in.jagran.yahoo.com/epaper/article/index.php?choice=show_article&location=37&Ep_relation=1&Ep_edition=2012-03-29&articleid=111736742171114296
चयन प्रक्रिया संशोधित करने की गुहार
लखनऊ, 28 मार्च (संसू): बीते काफी समय से प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों में अध्यापकों की भर्ती एकेडमिक मेरिट सूची के आधार पर हो रही थी, इसी प्रक्रिया को बहाल करने की मांग को लेकर प्रदेश विशिष्ट बीटीसी संघर्ष मोर्चा ने बुधवार को विधान भवन के सामने धरना दिया। उन्होंने प्रदेश सरकार से प्राथमिक शिक्षकों की चयन प्रक्रिया को संशोधित करने की मांग की। प्रदेशभर से जुटे विशिष्टबीटीसी संघर्ष मोर्चा के सदस्यों ने नारेबाजी की और प्रदेश सरकार से गुहार की कि शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की मेरिट के आधार पर प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती पर रोक लगाई जाए क्योंकि विज्ञापन के अनुसार यह परीक्षा पास करना प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक बनने के लिए जरूरी था, इस आधार पर चयन नहीं होना था।परीक्षा के चार दिन पहले प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 में संशोधन करके टीईटी को पात्रता परीक्षानहीं, चयन प्रक्रिया का आधार बना दिया। आखिर यह संशोधन आनन फानन क्यों किया गया? इस प्रकार से टीईटी मेरिट के आधार पर अध्यापकों का चयन किया जाना गलत है और आवेदकों केसाथ धोखा। राज्य सरकार दे सकती है भारांक : धरना दे रहे युवकों ने एनसीटीई के सचिव विक्रम सहाय की तरफ से 11 फरवरी 2011 को जारी निर्देश का भी हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार चाहे तो शिक्षक पात्रता परीक्षा के अंकों का भारांक दे सकती है, किंतु शिक्षक पात्रता परीक्षा को शिक्षक चयन प्रक्रिया का आधार नहीं बनाएगी। युवकों ने प्रदेश सरकार से मांग की कि वे पूर्व कीतरह ही एकेडमिक मेरिट के आधार पर ही प्राथमिक स्तर शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया बहाल करे। टीईटी को केवल पात्रता परीक्षा ही बनाए रखा जाए नकि चयन परीक्षा।
http://in.jagran.yahoo.com/epaper/article/index.php?choice=show_article&location=37&Ep_relation=6&Ep_edition=2012-03-29&articleid=111736743971085768
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