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Tuesday, 13 March 2012

निरस्त होगी टीईटी !

निरस्त होगी टीईटी !
चुनावी सभा में अखिलेश यादव कर चुके हैं घोषणा 
लखनऊ, जागरण ब्यूरो : प्राथमिक
स्कूलों में अध्यापक बननेका ख्वाब देख रहे
प्रदेश के लाखों नौजवानों के लिए
निराशा का सबब और बसपा सरकार के
लिए गले की हड्डी बनी शिक्षक
पात्रता परीक्षा (टीईटी) को निरस्त करने के बारे में अब सपा सरकार
ही फैसला करेगी। टीईटी को लेकर
विवादों की फेहरिस्त और
शिक्षकों की भर्ती के लिए पहली बार
आयोजित की गई इस परीक्षा में जिस
तरह से भ्रष्टाचार उजागर हुआ, उसे देखते हुए यह तय माना जा रहा है
कि सपा सरकार इसे निरस्त करेगी।
प्रदेश के नये मुख्यमंत्री चुने जा चुके
अखिलेश यादव अपनी चुनावी सभा के
दौरान कह भी चुके हैं
कि यदि सपा सरकार आयी तो टीईटी को निरस्त
किया जाएगा। शिक्षा के अधिकार
अधिनियम के तहत प्राथमिक व उच्च
प्राथमिक स्कूलों में
शिक्षकों की भर्ती के लिए पहली बार
टीईटी आयोजित की गई थी। टीईटी के आयोजन की जिम्मेदारी यूपी बोर्ड
को सौंपी गई थी। टीईटी की मेरिट
को ही शिक्षक चयन का आधार
बनाया गया था। इसे लेकर भी विवाद
खड़ा हुआ क्योंकि राष्ट्रीय अध्यापक
शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने टीईटी को सिर्फ
पात्रता परीक्षा माना था।13 नवंबर
को आयोजित टीईटी का परिणाम 25
नवंबर को घोषित किया गया।पैसे लेकर
परीक्षा परिणाम में धांधली उजागर होने
पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन समेत कईलोग जेल भेजे जा चुके हैं।
उधर एक याचिका की सुनवाई करते हुए
उच्च न्यायालय ने
भी शिक्षकों की भर्ती पर रोक
लगा दी है। टीईटी को लेकर हाल ही में
अपर कैबिनेट सचिव रवींद्रसिंह के कार्यालय में बैठक हुई थी। बैठक में शासन
और शिक्षा विभाग के ज्यादातर अफसर
ने टीईटी को निरस्त करने का मत
जाहिर किया। इसके बावजूद
टीईटी को लेकर बैठक में कोई
सर्वसम्मति नहीं बन पायी।वजह यह थी कि टीईटी को लेकर पहले
ही शर्मसार हो चुकी सरकारके
आला अधिकारी परीक्षा को निरस्त
किये जाने से उपजने
वाली परिस्थिति के सभी पहलुओं पर
गौर करना चाहते हैं। उन्हें यह भी आशंका है कि टीईटी को निरस्त किये जाने से
परीक्षा को उत्तीर्ण करनेवाले
अभ्यर्थी अदालत
का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
परीक्षा निरस्त किये जानेपर
अभ्यर्थियों को फीस की धनराशि लौटानी पड़ी तो यह
भी सिरदर्द साबित होगा। अफसर इस
बात को लेकर भी असमंजस में हैं
कि टीईटी को निरस्त करने से पहले
अदालत की अनुमति ली जाए या नहीं।
कार्यवाहक सरकार वैसे भी कोई नीतिगत निर्णय नहीं कर सकती। इन
हालात में इस बात के प्रबल आसार हैं
कि टीईटी को रद करने का फैसला अब
सपा सरकार ही करेगी।
Source- जागरण  12-3-2012

1 comment:

Amit shukla said...

टीईटी उत्तीर्ण आवेदक भी भड़के


Story Update : Tuesday, March 13, 2012 12:00 AM



हरदोई। टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण के आधार पर शिक्षक चयन प्रक्रिया शुरू कराने की मांग पर अड़े उत्तीर्ण आवेदकों के विरोध के स्वर तेज होते जा रहे हैं। रविवार को आवेदकों ने बैठक कर रणनीति तैयार की, वहीं सोमवार को कलक्ट्रेट में एकत्रित होकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। टीईटी उत्तीर्ण आवेदकों ने चयन प्रक्रिया शासनादेशों के अनुसार कराने की मांग करते हुए अन्यथा की स्थिति में आंदोलन की चेतावनी दी है।
इसके लिए राज्यपाल को संबोधित एक प्रार्थना पत्र जिलाधिकारी को सौंपा है। शासनादेश के अनुसार जारी विज्ञप्ति को लागू कराने तथा लंबित प्रशिक्षु की प्रक्रिया को पूरी कराने की मांग को लेकर टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा के बैनर तले दर्जनों आवेदकों ने आवाज बुलंद की। टीईटी उत्तीर्ण आवेदकों ने नारेबाजी करते हुए कहा कि कुछ अराजकतत्वों व अनुत्तीर्ण आवेदकों की द्वेषभावना के कारण आपत्तियां लगाकर चयन प्रक्रिया को बाधित कर दिया गया और चयन प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाया गया, जबकि शासनादेशों के अनुसार उत्तीर्ण आवेदकों का चयन किया जाना था, पर शासनादेशों की अवमानना कर दी गई।
उन्हाेंने शासनादेशों की अवमानना करने वाले लोगों को कठोर दंड देने तथा चयन प्रक्रिया निरस्त न करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि चयन प्रक्रिया निरस्त होने से दोषियों को बल मिलेगा तथा उत्तीर्ण आवेदकों को हताशा। उन्होंने शासनादेशों में किसी प्रकार का परिवर्तन न करने तथा विज्ञप्ति के अनुसार तथा एनसीटीई द्वारा दिए गए दो महीने के समय के अंतर्गत ही चयन पूरा करने की मांग की। टीईटी उत्तीर्ण आवेदकों ने राज्यपाल को संबोधित प्रार्थना पत्र डीएम को देकर चयन प्रक्रिया शुरू कराने की मांग की है। इस दौरान पिंकल यादव, बृजेश कुमार, ज्योति गुप्ता, देवेश सिंह गौर, तारिक शफी खां, जुबैर, आदित्य कुमार, अनिल पांडेय, राजेश श्रीवास्तव, अवनीश यादव व शिखा पाल आदि मौजूद थे।